• 07/05/2025

फूट-फूटकर रोया आतंक का आका मसूद अजहर, ऑपरेशन सिंदूर में परिवार के 14 लोगों के मारे जाने पर बोला- मैं भी मर जाता तो अच्छा था

फूट-फूटकर रोया आतंक का आका मसूद अजहर, ऑपरेशन सिंदूर में परिवार के 14 लोगों के मारे जाने पर बोला- मैं भी मर जाता तो अच्छा था

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भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान में आतंकवाद के गढ़ को ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्यों के मारे गए हैं। मसूद के भाई और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी रऊफ असगर गंभीर रूप से घायल है, जबकि रऊफ का बेटा हुजैफा और रऊफ के भाई की पत्नी भी मृतकों में शामिल हैं। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे।

इस हमले के बाद आतंक का सरगना मसूद अजहर फूट-फूटकरल रोया और कहा कि अच्छा होता कि इस हमले में मै भी मारा जाता।

ऑपरेशन सिंदूर: बहावलपुर में जैश का गढ़ नेस्तनाबूद

भारतीय सेना ने मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में मसूद अजहर के मदरसे और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय मार्कज सुभान अल्लाह पर मिसाइल हमले किए। सेना ने SCALP क्रूज मिसाइलें, हैमर स्मार्ट बम और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स का इस्तेमाल कर इन ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। सूत्रों के अनुसार, हमले में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिनमें मसूद के परिवार के 14 सदस्य शामिल हैं। रऊफ असगर, जो जैश का प्रमुख कमांडर है, गंभीर रूप से घायल है, और उसका बेटा हुजैफा भी मारा गया।

मसूद अजहर: भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी

मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और भारत के लिए सबसे खतरनाक आतंकियों में से एक है। 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 के अपहरण के बाद उसे बंधकों की रिहाई के बदले छोड़ा गया था। इसके बाद उसने पाकिस्तान में छिपकर कई बड़े आतंकी हमलों की साजिश रची, जिनमें 2001 का भारतीय संसद हमला, 2000 का जम्मू-कश्मीर विधानसभा हमला, 2016 का पठानकोट एयरबेस हमला और 2019 का पुलवामा आत्मघाती हमला शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया था। मसूद पाकिस्तान और अफगानिस्तान में आतंकियों को प्रशिक्षण देता रहा और नए मदरसे खोलकर अपने संगठन का विस्तार करता रहा।

पहलगाम हमले का बदला

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम पहलगाम हमले में विधवा हुई महिलाओं, विशेष रूप से नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल के सम्मान में रखा गया। 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा की शाखा ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने पहलगाम के बैसारन में 26 लोगों को निशाना बनाया था, जिनमें ज्यादातर हिंदू पर्यटक थे। इस हमले ने देश में गुस्से की लहर पैदा की थी। भारतीय सेना ने इसे आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत जवाब दिया।

सेना का बयान: न्याय हो गया
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, “हमारी कार्रवाई सटीक और मापी गई थी। मसूद अजहर और उसके संगठन के ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है। यह पहलगाम हमले के शहीदों के लिए न्याय है।” सेना ने पुष्टि की कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। यह कार्रवाई भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के तहत थी।”

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और तनाव

पाकिस्तान ने हमले को “कायरतापूर्ण” बताते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि आठ नागरिक मारे गए, हालांकि भारत ने इसे खारिज किया। हमले के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी शुरू की, जिसमें तीन भारतीय नागरिकों की मौत हुई। भारतीय सेना ने इसका माकूल जवाब दिया।

चीन ने हमले को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तनाव कम करने की अपील की। इजरायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया। भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और सऊदी अरब सहित कई देशों को ऑपरेशन की जानकारी दी।

भारत तैयार है- सेना

हमले के बाद जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कई जिलों में स्कूल बंद हैं, और श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानें निलंबित हैं। भारतीय वायुसेना ने राफेल और सुखोई-30 जेट्स के साथ अभ्यास शुरू किया है। सेना ने कहा कि वह किसी भी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।