• 16/09/2025

छत्तीसगढ़ में शराब पीने से 2 की मौत, पिछले एक साल में 12 से अधिक मौतें; सवाल- इसके लिए जिम्मेदार कौन?

छत्तीसगढ़ में शराब पीने से 2 की मौत, पिछले एक साल में 12 से अधिक मौतें; सवाल- इसके लिए जिम्मेदार कौन?

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र के करही गांव में सोमवार को दो युवकों की शराब पीने के बाद संदिग्ध मौत हो गई। मृतकों की पहचान मनोज कश्यप और सूरज यादव के रूप में हुई है। दोनों दोपहर करीब 12 बजे बेहोशी की हालत में मिले, जिन्हें तत्काल सारंगढ़ के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान आधे घंटे के भीतर दोनों ने दम तोड़ दिया। प्रारंभिक जांच में जहरीली शराब पीने से मौत की आशंका जताई जा रही है, हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारण स्पष्ट होगा। घटना के बाद परिजनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।

बेहोशी से मौत तक का सिलसिला

जानकारी के अनुसार, मनोज कश्यप और सूरज यादव ने दोपहर में देशी शराब का सेवन किया। शराब पीने के तुरंत बाद दोनों की तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए। आसपास के ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना दी, जो मौके पर पहुंचे। परिजनों ने दोनों को आनन-फानन में सारंगढ़ के अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज शुरू करने के बाद भी आधे घंटे में दोनों को मृत घोषित कर दिया।

सारंगढ़ थाना प्रभारी कामिल हक ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है कि शराब पीने के बाद दोनों की हालत बिगड़ी, जिसके फलस्वरूप मौत हुई। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। सरगुजा महिला थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कर केस डायरी बिर्रा थाना को ट्रांसफर कर दी गई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि युवकों ने शराब कहां से खरीदी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि करही गांव में लंबे समय से अवैध शराब की बिक्री हो रही है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में जहरीली शराब का कहर: 12 से अधिक मौतें

यह घटना छत्तीसगढ़ में जहरीली शराब से होने वाली मौतों की तीसरी बड़ी घटना है। पिछले एक साल में राज्य के विभिन्न जिलों में ऐसी घटनाओं से कम से कम 12 लोगों की जान जा चुकी है। आबकारी विभाग और पुलिस पर अवैध शराब पर लगाम न लगाने का आरोप लग रहा है। मुख्य घटनाओं का विवरण निम्न है:

जिला
तारीख/महीना
घटना का विवरण
मौतों की संख्या
बिलासपुर (कोनी थाना, लोफन्दी गांव)
फरवरी 2025
जहरीली महुआ शराब पीने से सरपंच रामाधार सुनहले के भाई रामू समेत 7 लोगों की मौत। रामू की उल्टी में काला खून का थक्का निकला। पहले बीमारी समझकर 3 का अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन बाद में 4 और मौतें हुईं। 4 लोग गंभीर रूप से प्रभावित। ग्रामीणों का आरोप: 8-10 साल से अवैध शराब बिक्री पर कार्रवाई नहीं।

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जांजगीर-चांपा (बलौदा थाना, बुडगहन गांव)
जनवरी 2025
3 दोस्तों ने ठेके से गोवा शराब और महुआ शराब मिलाकर पी। शिवा बंजारे (19) और रूपेश सांडे (27) की मौत, जबकि सुखसागर सतनामी (28) बच गया। शराब पीने के बाद तबीयत बिगड़ी, अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित। एफएसएल ने जगह की जांच की।

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कोरबा (करतला थाना, कोटमेर गांव)
जून 2024 (एक साल पहले)
कच्ची महुआ शराब पीने से मालती बाई (50), राम सिंह (60) और बेदराम (49) की मौत। मालती का पति चैतराम काम से लौटा तो घर में 3 लाशें मिलीं। मौके पर महुआ शराब के पाउच, खाली गिलास और तली मछली चखना बरामद। एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने जांच शुरू की, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार।

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