• 04/09/2025

9 नहीं अब 10 घंटे करना होगा काम, प्राइवेट कर्मचारियों के लिए कार्य घंटे बढ़े, ओवरटाइम में भी बदलाव; इस राज्य सरकार ने दी मंजूरी

9 नहीं अब 10 घंटे करना होगा काम, प्राइवेट कर्मचारियों के लिए कार्य घंटे बढ़े, ओवरटाइम में भी बदलाव; इस राज्य सरकार ने दी मंजूरी

महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए दैनिक कार्य अवधि को मौजूदा 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने के लिए कानूनों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य निवेश आकर्षित करना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना है।

किन कानूनों में हुआ बदलाव?

आधिकारिक बयान के अनुसार, यह संशोधन **फैक्टरी अधिनियम, 1948** और **महाराष्ट्र दुकान एवं स्थापना (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017** में किए जाएंगे। इन बदलावों के साथ महाराष्ट्र अब उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जहां कार्य घंटों में वृद्धि के सुधार लागू किए गए हैं। इनमें कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा शामिल हैं।

क्या हैं प्रमुख बदलाव?

फैक्टरी अधिनियम के तहत:

  •  दैनिक कार्य घंटों की सीमा 9 से बढ़ाकर 12 घंटे की गई।
  •  विश्राम का समय अब 5 घंटे के बजाय 6 घंटे के बाद मिलेगा।
  •  कानूनी ओवरटाइम की सीमा प्रति तिमाही 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे की गई।
  •  ओवरटाइम के लिए श्रमिकों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी।
  •  साप्ताहिक कार्य घंटे साढ़े 10 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे किए गए।

दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत:

  •  दैनिक कार्य घंटे 9 से बढ़ाकर 10 घंटे किए गए।
  •  ओवरटाइम की सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही की गई।
  •  आपातकालीन ड्यूटी के लिए अधिकतम 12 घंटे काम की अनुमति होगी।
  •  20 या उससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों पर ये नियम लागू होंगे।
  •  20 से कम श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को अब पंजीयन प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं होगी; उन्हें केवल सूचना प्रक्रिया के तहत अधिकारियों को अवगत कराना होगा।

सरकार का दावा: कारोबार में सुगमता और श्रमिकों के हितों की रक्षा

सरकार ने दावा किया कि ये बदलाव कारोबार में सुगमता लाएंगे, नए निवेश को आकर्षित करेंगे और रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे। साथ ही, श्रमिकों को ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे उनके वेतन संरक्षण और अधिकारों में सुधार होगा। श्रम विभाग का कहना है कि ये संशोधन, खासकर महिलाओं के लिए, अधिक आरामदायक कार्य वातावरण प्रदान करेंगे और कर्मचारियों व नियोक्ताओं की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं का समाधान करेंगे।

उद्योगों को मिलेगी राहत

संशोधनों के तहत उद्योगों को अधिक मांग या श्रमिकों की कमी के दौरान बिना व्यवधान काम करने की अनुमति होगी। यह कदम उन उद्योगों के लिए फायदेमंद होगा जो उच्च उत्पादन मांग के समय लचीलापन चाहते हैं। साथ ही, ओवरटाइम के लिए उचित मुआवजे का प्रावधान श्रमिकों के हितों की रक्षा करेगा।

कब से लागू होंगे नए नियम?

इन संशोधनों को विधानसभा के आगामी सत्र में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा, जिसके बाद इन्हें औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। श्रम विभाग ने पिछले सप्ताह इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष पेश किया था, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है।

विवाद की संभावना

हालांकि सरकार इसे निवेश और रोजगार के लिए सकारात्मक कदम बता रही है, लेकिन कार्य घंटों में वृद्धि को लेकर श्रमिक संगठनों और विपक्षी दलों की ओर से विरोध की आशंका जताई जा रही है। यह देखना होगा कि यह फैसला श्रमिकों और उद्योगों के बीच संतुलन कैसे बनाता है।