• 23/09/2025

मुस्लिम युवा गलत नीयत से गरबा स्थल में न जाएं, जब मूर्तिपूजा में आस्था नहीं तो क्यों जाना? बोले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलीम राज

मुस्लिम युवा गलत नीयत से गरबा स्थल में न जाएं, जब मूर्तिपूजा में आस्था नहीं तो क्यों जाना? बोले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलीम राज

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने नवरात्रि के अवसर पर मुस्लिम समाज के युवाओं से गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों में शामिल नहीं होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चूंकि मुस्लिम समाज मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखता, इसलिए ऐसे आयोजनों से दूरी बनाए रखना उचित है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन परंपराओं का सम्मान करते हुए आयोजन समिति से अनुमति लेकर गरबा में भाग लेना चाहता है, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।

गरबा धार्मिक नृत्य, गलत नीयत से न जाएं: डॉ. सलीम

डॉ. सलीम राज ने अपने बयान में कहा कि गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि देवी दुर्गा की आराधना से जुड़ा एक भक्तिपूर्ण लोकनृत्य है, जो जीवन के चक्र और मां दुर्गा की असीम शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने मुस्लिम युवाओं से अपील की कि वे गलत नीयत से गरबा स्थलों पर न जाएं, क्योंकि इससे हिंदू समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं और सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंच सकती है।

उन्होंने जोर देकर कहा, “इस्लाम शांति का प्रतीक है। हमें छत्तीसगढ़ की गंगा-जमुनी तहजीब का सम्मान करते हुए प्रदेश में अमन-चैन और भाईचारा बनाए रखना चाहिए। गलत इरादों से गरबा आयोजनों में प्रवेश करना सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकता है।”

परंपराओं का सम्मान करें, अनुमति लें

डॉ. सलीम ने यह भी कहा कि यदि कोई मुस्लिम व्यक्ति परंपरागत वेशभूषा और आयोजन की मर्यादा का सम्मान करते हुए गरबा में शामिल होना चाहता है और आयोजन समिति से अनुमति लेता है, तो इसे स्वीकार किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य सामाजिक एकता को बढ़ावा देना और धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को बनाए रखना है।