- 17/07/2025
एयर इंडिया क्रैश पर अमेरिकी रिपोर्ट में बड़ा दावा, बताया हादसे की असली वजह

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। अमेरिकी मीडिया वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से पता चला है कि टेकऑफ के तुरंत बाद विमान के इंजन का फ्यूल स्विच बंद कर दिया गया था। इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 275 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि केवल एक यात्री, भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश, जीवित बचा।
कॉकपिट में क्या हुई बातचीत?
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में दर्ज कॉकपिट रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर ने कैप्टन सुमीत सभरवाल से पूछा कि उन्होंने टेकऑफ के तुरंत बाद फ्यूल कटऑफ स्विच को क्यों बंद किया। रिकॉर्डिंग में फर्स्ट ऑफिसर की घबराहट साफ झलकती है, जबकि कैप्टन शांत नजर आए। रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के महज 32 सेकंड बाद ही दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच एक के बाद एक बंद हो गए, जिसके बाद विमान ने ऊंचाई खो दी और मेघानीनगर में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं है कि फ्यूल स्विच बंद करना गलती थी या जानबूझकर किया गया। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी पायलटों और सुरक्षा विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया कि प्रारंभिक निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि कैप्टन ने ही स्विच बंद किए थे।
पायलटों का अनुभव
हादसे में जान गंवाने वाले कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास 15,638 घंटे और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के पास 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था। कैप्टन सभरवाल एक लाइन ट्रेनिंग कैप्टन (LTC) थे, जो अन्य पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए अधिकृत थे।
नागरिक उड्डयन मंत्री का बयान
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने प्रारंभिक रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह केवल शुरुआती निष्कर्ष हैं और अंतिम रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने जांच की पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि AAIB और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां, जैसे अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), इसकी गहन जांच कर रही हैं। नायडू ने ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजे जाने की अटकलों को भी खारिज किया और कहा कि इसकी जांच भारत में ही हो रही है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स का विरोध
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को “निराधार” करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की। रंधावा ने कहा कि AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलटों द्वारा फ्यूल स्विच बंद करने का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने लोगों से अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार करने की अपील की और कहा कि ऐसी खबरें पायलटों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
हादसे का विवरण
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (AI-171) टेकऑफ के 98 सेकंड बाद मेघानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान ने 650 फीट की ऊंचाई हासिल की थी, लेकिन इसके बाद तेजी से नीचे गिरा और एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। हादसे में विमान में सवार 241 लोगों और हॉस्टल में मौजूद 34 लोगों की मौत हो गई।
जांच की स्थिति
विमान का ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मलबे से बरामद कर लिया गया है। AAIB और NTSB की टीमें हादसे के कारणों की गहन जांच कर रही हैं। केंद्र सरकार ने गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है, जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
प्रत्यक्षदर्शी और बचे हुए यात्री का बयान
हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश ने बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद इंजन से तेज आवाज आने लगी थी। वह आपातकालीन निकास द्वार से बाहर निकलने में सफल रहे।
यह हादसा भारतीय नागरिक उड्डयन इतिहास में सबसे भीषण हादसों में से एक है। अंतिम जांच रिपोर्ट से ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस त्रासदी के पीछे की असल वजह क्या थी।[]