• 05/05/2025

जम्मू-कश्मीर की जेलों पर टेररिस्ट अटैक का अलर्ट, बंद हैं कई कुख्यात आतंकी, बढ़ाई गई सुरक्षा

जम्मू-कश्मीर की जेलों पर टेररिस्ट अटैक का अलर्ट, बंद हैं कई कुख्यात आतंकी, बढ़ाई गई सुरक्षा

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जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को लेकर एक बार फिर हाई अलर्ट जारी किया गया है। खुफिया एजेंसियों ने श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू की कोट बलवाल जेल सहित प्रमुख जेलों पर आतंकी हमले की साजिश का अलर्ट जारी किया है। इन जेलों में कई हाई-प्रोफाइल आतंकी और ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) कैद हैं, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, खुफिया जानकारी में संकेत मिले हैं कि आतंकी संगठन इन जेलों को निशाना बनाकर बड़े हमले की फिराक में हैं। इसके मद्देनजर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने जेलों की सुरक्षा का जिम्मा संभाला है। रविवार को CISF के महानिदेशक ने श्रीनगर में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में जम्मू-कश्मीर की जेलों की सुरक्षा का दायित्व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) से CISF को सौंपा गया था। हाल के खुफिया इनपुट्स के बाद जेलों के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, और निगरानी को बढ़ा दिया गया है।

यह अलर्ट ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी थी। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे। जांच में लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) की संलिप्तता सामने आई थी। इस हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क हो गई हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है, और आतंकी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।

सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन भी तेज कर दिए हैं, खासकर दक्षिण कश्मीर में, जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं।

स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को देने की अपील की है। जम्मू-कश्मीर में बढ़ते तनाव और आतंकी खतरों के बीच सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।