- 25/06/2025
Arrest: अमित जोगी सहित 1173 कार्यकर्ता गिरफ्तार, अजीत जोगी मूर्ति विवाद फिर गरमाया


छत्तीसगढ़ के पेंड्रा में बुधवार, 25 जून 2025 को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी समेत उनके 1173 समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मूर्ति स्थापना को लेकर हुए विवाद के बीच हुई। पुलिस ने सभी को पेंड्रा के लाल बंगला में बनाए गए अस्थायी जेल में रखा, लेकिन कुछ देर बाद मुचलके पर सभी को रिहा कर दिया गया।
अमित जोगी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ज्योतिपुर चौक पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने पिता अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापित करने की कोशिश की। प्रशासन का कहना है कि मूर्ति स्थापना के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके चलते विवाद शुरू हुआ। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया। ज्योतिपुर चौक से 500 मीटर दूर अजीत जोगी की समाधि और एक किमी दूर उनकी बेटी अनुषा जोगी की समाधि स्थित है, जो इस मामले को भावनात्मक बना रही है।
अमित जोगी का आरोप
गिरफ्तारी के दौरान अमित जोगी ने कहा, “मैंने कोई अनैतिक काम नहीं किया। जमीन मेरी है और मूर्ति मेरे पिता की है। जनभावना के अनुरूप मैंने काम किया। शासन ने उनकी प्रतिमा को कैद कर लिया था, जिसे हमने छुड़ाने की कोशिश की।” उन्होंने दावा किया कि इस घटनाक्रम का मास्टरमाइंड जिले के आरएसएस प्रमुख का बेटा है, जो सीसीटीवी फुटेज में भी दिखाई दे रहा है। अमित ने कहा, “क्या यही संस्कार है? मोहन भागवत कहते हैं बड़ों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन उनके बच्चे इसके उलट काम कर रहे हैं। इसलिए आरएसएस अब राक्षस समाज भक्षक संघ बन गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि मूर्ति को न्याय दिलाने के लिए वे कोर्ट का रास्ता अपनाएंगे और जरूरत पड़ी तो बाबा साहब अंबेडकर के नागपुर स्थित स्मारक से आशीर्वाद लेकर हाईकोर्ट तक जाएंगे।
पहले भी हुआ था विवाद
एक महीने पहले भी गौरेला में अजीत जोगी की प्रतिमा हटाए जाने को लेकर विवाद हुआ था। तीन दिन पहले ज्योतिपुर तिराहे पर स्थापित की गई मूर्ति को रविवार देर रात क्रेन से हटाया गया था। सीसीटीवी फुटेज में रात 2:18 बजे चार मिनट में मूर्ति को हटाते देखा गया। बाद में क्षतिग्रस्त हालत में मूर्ति नगरपालिका परिसर में मिली। मूर्ति का अनावरण 29 मई को अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर होना था, लेकिन घटना से क्षेत्र में तनाव फैल गया। इसके विरोध में अमित जोगी और JCC(J) कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू किया था। गौरेला पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। मूर्ति को वापस स्थापित करने की कोशिश फिर विवाद का कारण बनी।
प्रशासन का कहना है कि मूर्ति स्थापना के लिए उचित अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके चलते कार्रवाई की गई। हालांकि, अमित जोगी का दावा है कि जमीन निजी है और उनकी ओर से सभी कागजात प्रस्तुत किए गए थे।