• 07/04/2025

Breaking: पेट्रोल-डीजल होगा महंगा? सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में की भारी बढ़ोत्तरी

Breaking: पेट्रोल-डीजल होगा महंगा? सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में की भारी बढ़ोत्तरी

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पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े? सरकार का जवाब आया सामने

केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2-2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इससे पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफा हो सकता है। सरकार के ऐलान के बाद देशभर में यह चर्चा शुरू हो गई कि अब पेट्रोल और डीजल के दामों में कितनी बढ़ोत्तरी की जाएगी। हालांकि सरकार ने तुरंत स्थिति को स्पष्ट करते हुए जनता को राहत देने वाला जवाब दिया है।

एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी का ऐलान

सोमवार को जारी एक अधिसूचना में सरकार ने बताया कि पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी को 19.90 रुपये से बढ़ाकर 21.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये से 17.80 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इस फैसले के पीछे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा उठाने की मंशा मानी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग आर्थिक मजबूती और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कर सकती है।

सरकार और तेल कंपनियों का जवाब

इस घोषणा के बाद बढ़ती आशंकाओं को शांत करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ किया कि इस बढ़ोतरी का असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा, “सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने आश्वासन दिया है कि एक्साइज ड्यूटी में हुई वृद्धि के बावजूद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा।” इसका मतलब है कि तेल कंपनियां इस अतिरिक्त लागत को अपने मुनाफे से समायोजित करेंगी, जिससे पंप पर कीमतें स्थिर रहेंगी।

क्यों नहीं बढ़ेंगी कीमतें?

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें हाल के दिनों में 65 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे चली गई हैं, जो पिछले चार साल का सबसे निचला स्तर है। इस सस्ते तेल का फायदा उठाते हुए सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, लेकिन तेल कंपनियों ने इसे जनता पर नहीं डालने का फैसला किया। इससे एक ओर सरकार का राजस्व बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।

विपक्ष का सरकार पर हमला

हालांकि सरकार के इस आश्वासन से कई लोगों को राहत मिली है, लेकिन विपक्ष ने इसे जनता के साथ छलावा करार दिया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि जब कच्चा तेल सस्ता हो रहा है, तो सरकार को कीमतें कम कर जनता को सीधा फायदा देना चाहिए था, न कि ड्यूटी बढ़ाकर अपना खजाना भरना चाहिए था। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ ने इसे सरकार की चालाकी बताया, तो कुछ ने कीमतें स्थिर रखने के फैसले की तारीफ की।

आगे क्या?

फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहेगी या नहीं, यह वैश्विक तेल बाजार की चाल पर निर्भर करेगा। अगर कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ती हैं, तो तेल कंपनियों के लिए इस बोझ को वहन करना मुश्किल हो सकता है, और कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। अभी के लिए, सरकार और तेल कंपनियों के इस कदम से जनता को राहत मिली है, लेकिन भविष्य के हालात पर नजर रखना जरूरी होगा।