• 30/09/2025

कोल घोटाला: ED जांच में सूर्यकांत तिवारी की डायरी ने उगले राज, 80 करोड़ से अधिक के लेन-देन का खुलासा, 2 IPS-2 IAS समेत कई बड़े अधिकारियों के नाम, कौन हैं वो अफसर जिन्होंने लिए-दिए करोड़ों रुपये?

कोल घोटाला: ED जांच में सूर्यकांत तिवारी की डायरी ने उगले राज, 80 करोड़ से अधिक के लेन-देन का खुलासा, 2 IPS-2 IAS समेत कई बड़े अधिकारियों के नाम, कौन हैं वो अफसर जिन्होंने लिए-दिए करोड़ों रुपये?

छत्तीसगढ़ में कोयला लेवी घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। ED ने राज्य के मुख्य सचिव और ACB-EOW को पत्र भेजकर कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की जब्त डायरी में दर्ज 80 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेन-देन की जानकारी साझा की है। डायरी में दो IPS, दो IAS और एक ASP सहित प्रभावशाली अधिकारियों के नाम उजागर हुए हैं, जो भूपेश बघेल सरकार के दौरान केंद्रीय भूमिकाओं में रहे। ED ने इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की सिफारिश की है, जिसके बाद राज्य सरकार में हड़कंप मच गया है। ACB-EOW ने पत्र मिलते ही जांच तेज कर दी है और जल्द ही इन अधिकारियों से पूछताछ हो सकती है।

डायरी में दर्ज लेन-देन: IPS-IAS ने दिए करोड़ों, ASP ने लिए पैसे

ED के पत्र के अनुसार, सूर्यकांत तिवारी की डायरी में तारीख, राशि और पक्षकारों के नाम के साथ विस्तृत एंट्री हैं। जांच एजेंसी ने इसे बैंक खातों, व्हाट्सएप चैट और बयानों से सत्यापित किया है। प्रमुख खुलासे इस प्रकार हैं:

अधिकारी का पद
लेन-देन का विवरण
राशि (करोड़ रुपये में)
IPS अधिकारी (भूपेश सरकार में प्रभावशाली)
सूर्यकांत तिवारी को दिए
11.5
IPS अधिकारी (महासमुंद जिले में पोस्टेड रहे)
सूर्यकांत तिवारी को दिए
2.65
IAS अधिकारी
सूर्यकांत तिवारी को दिए
0.75
IAS अधिकारी (जेल हो चुके, बेल पर)
सूर्यकांत तिवारी को दिए
60
ASP (भूपेश सरकार में प्रभावी, पुलिस अधिकारियों के करीबी)
सूर्यकांत तिवारी से लिए
5.67

ये लेन-देन कोयला परिवहन परमिट और अवैध वसूली से जुड़े माने जा रहे हैं। ED का अनुमान है कि कुल घोटाले की राशि 570 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें प्रति टन 25 रुपये की दर से वसूली की गई।

क्या है कोयला लेवी घोटाला? ED के दावे और शुरुआत

ED की जांच के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के लिए ऑनलाइन परमिट सिस्टम को जानबूझकर ऑफलाइन मोड में बदल दिया गया, जिससे अवैध लेवी वसूली का रास्ता खुला। 15 जुलाई 2020 को तत्कालीन खनिज विभाग निदेशक IAS समीर विश्नोई ने इस बदलाव का आदेश जारी किया था।

  • मुख्य आरोपी: कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को घोटाले का मास्टरमाइंड माना गया है। उसके कर्मचारियों ने व्यापारियों से वसूली कर परमिट जारी कराए।
  • FIR और गिरफ्तारियां: ED की रिपोर्ट पर ACB-EOW ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की। गिरफ्तार: IAS समीर विश्नोई, रानू साहू, सौम्या चौरसिया (पूर्व CM उपसचिव), JD माइनिंग SS नाग, सूर्यकांत तिवारी। सभी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
  • अन्य कार्रवाइयां: ED ने 100 से अधिक संपत्तियां जब्त कीं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। हाल ही में कस्टम मिलिंग घोटाले में भी छापे मारे गए।

ED की यह सिफारिश 10 वरिष्ठ IAS-IPS अधिकारियों के खिलाफ है, जो घोटाले को संरक्षण देने के आरोपी हैं। ACB-EOW की जांच से और नाम उजागर होने की संभावना है। यह मामला न केवल प्रशासनिक सुधारों पर सवाल खड़े करता है, बल्कि छत्तीसगढ़ की खनिज नीतियों पर भी बहस छेड़ सकता है।