• 05/08/2025

ED Raid: 550 करोड़ के चिकित्सा उपकरण एवं रिएजेंट खरीदी घोटाले में ED की छापेमारी, 40 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त

ED Raid: 550 करोड़ के चिकित्सा उपकरण एवं रिएजेंट खरीदी घोटाले में ED की छापेमारी, 40 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में 500 करोड़ रुपये से अधिक के कथित चिकित्सा उपकरण एवं री-एजेंट खरीद घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 30 और 31 जुलाई 2025 को ईडी ने 20 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें शशांक चोपड़ा, उनके परिवार, व्यावसायिक सहयोगियों और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) व स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस) के अधिकारियों के आवासीय व कार्यालय परिसर शामिल थे।

40 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त

छापेमारी के दौरान ईडी ने 40 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों को जब्त किया। इसमें बैंक खातों में जमा राशि, सावधि जमा, डीमैट खातों में शेयर, वाहन, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं। यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, भिलाई और आसपास के क्षेत्रों में की गई।

घोटाले का खुलासा

ईडी की जांच छत्तीसगढ़ एंटी-करप्शन ब्यूरो/इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग (एसीबी/ईओडब्ल्यू) द्वारा अप्रैल 2025 में दायर चार्जशीट पर आधारित है। चार्जशीट में छह व्यक्तियों और चार कंपनियों- मोक्षित कॉरपोरेशन (दुर्ग), सीबी कॉरपोरेशन (दुर्ग), रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम (पंचकुला, हरियाणा) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज (रायपुर) पर 2022 से 2023 के बीच चिकित्सा उपकरण और री-एजेंट की खरीद में अनियमितताओं का आरोप है। इन अनियमितताओं से राज्य को 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आरोप है कि मोक्षित कॉरपोरेशन के निदेशक शशांक चोपड़ा ने सीजीएमएससी और डीएचएस के अधिकारियों के साथ मिलकर रेट कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए और बिना आवश्यकता जांचे अरबों रुपये की खरीद की।

एसीबी/ईओडब्ल्यू ने 22 जनवरी 2025 को सीजीएमएससी और डीएचएस के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। चार्जशीट में शशांक चोपड़ा, बसंत कुमार कौशिक, छिरोद राउतिया, कमलकांत पटनवार, डॉ. अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे का नाम शामिल है। ईडी ने कहा कि इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की गहन जांच चल रही है और जल्द ही और खुलासे हो सकते हैं।

आगे की कार्रवाई

ईडी की यह कार्रवाई पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए इस घोटाले की जांच का हिस्सा है। जांच में शामिल अधिकारियों, मेडिकल सप्लायर्स और मध्यस्थों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। ईडी ने संकेत दिया है कि इस मामले में और संपत्तियां जब्त हो सकती हैं और अन्य लोग भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।