• 09/07/2025

‘छत्तीसगढ़ में अर्थी पर सिस्टम, कचरा गाड़ी में शव’, अधजली महिला की लाश के साथ अमानवीयता का Video वायरल

‘छत्तीसगढ़ में अर्थी पर सिस्टम, कचरा गाड़ी में शव’, अधजली महिला की लाश के साथ अमानवीयता का Video वायरल

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक महिला की अधजली लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए नगर पालिका की कचरा गाड़ी में ले जाने का अमानवीय मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जनता में आक्रोश फैल गया, जिसके बाद कोरबा के पुलिस अधीक्षक (SP) सिद्धार्थ तिवारी ने लापरवाही बरतने वाले सहायक उपनिरीक्षक (ASI) पृथ्वीराज मोहंती को निलंबित कर दिया। मामले में अन्य दोषियों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी गई है।

मंगलवार शाम को बाकीमोंगरा थाना क्षेत्र के सोमवारी बाजार के पास एसईसीएल कॉलोनी में 65 वर्षीय महिला गीता विश्वास की अधजली लाश उनके घर के पीछे संदिग्ध हालात में मिली। सूचना मिलने पर बाकीमोंगरा पुलिस, फॉरेंसिक टीम, और डॉग स्क्वॉड मौके पर पहुंचे। जांच में पता चला कि गीता विश्वास अपने घर में अकेली रहती थीं। उनके पति अहिन्दर विश्वास की मृत्यु के बाद उनके बेटे को अनुकंपा नियुक्ति के तहत नौकरी मिली थी, और घटना के समय वह घर पर नहीं था।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि महिला ने आत्महत्या की कोशिश की हो सकती है, लेकिन मौत का सटीक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा।

कचरा गाड़ी में ले जाया गया शव

शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजने की प्रक्रिया के दौरान पुलिस ने शव वाहन या एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की बजाय बाकीमोंगरा नगर पालिका की कचरा ढोने वाली गाड़ी बुलाई। वीडियो में साफ दिख रहा है कि नगर पालिका के कर्मचारी गीता विश्वास के शव को प्लास्टिक में लपेटकर कचरा गाड़ी में रख रहे हैं। इस अमानवीय कृत्य ने स्थानीय लोगों में गुस्सा पैदा कर दिया।

वीडियो वायरल, ASI निलंबित

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल उठने लगे। कोरबा SP सिद्धार्थ तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने ASI पृथ्वीराज मोहंती को निलंबित कर दिया और कहा, “वीडियो के आधार पर मामले को गंभीरता से लिया गया है। दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की गई है, और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान के लिए जांच जारी है।”

यह घटना सिर्फ एक महिला की मौत से जुड़ी नहीं है, बल्कि पुलिस और प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करती है।