- 30/04/2025
Modi Cabinet: जाति जनगणना कराएगी सरकार, MSP को लेकर भी हुआ ऐलान, मोदी कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई बड़े निर्णय


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार, 30 अप्रैल 2025 को हुई केंद्रीय कैबिनेट की ‘सुपर कैबिनेट’ मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सबसे बड़ा फैसला आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का है, जिसकी लंबे समय से मांग हो रही थी। इसके साथ ही किसानों के हित में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने और पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए शिलांग-सिलचर हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन फैसलों की जानकारी दी।
94 साल बाद जाति जनगणना
केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि 2025 में शुरू होने वाली जनगणना में जाति गणना को भी शामिल किया जाएगा। यह आजादी के बाद देश में पहली बार होगा जब केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना कराएगी। आखिरी बार जाति जनगणना 1931 में हुई थी। वैष्णव ने कहा, “1947 के बाद जाति जनगणना नहीं हुई। कांग्रेस ने इसे केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन मोदी सरकार ने इसे मूल जनगणना का हिस्सा बनाने का फैसला किया है।” इस फैसले को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले NDA के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां बिहार ने पहले ही जाति सर्वेक्षण कराया था।
किसानों को राहत: गन्ने का MSP 355 रुपये प्रति क्विंटल
कैबिनेट ने 2025-26 के चीनी सीजन के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। वैष्णव ने बताया कि यह लागत से दोगुना है, क्योंकि गन्ने की उत्पादन लागत 173 रुपये प्रति क्विंटल है। इस फैसले से लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों और चीनी मिलों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा। यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
शिलांग–सिलचर हाईवे को मंजूरी
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए 22,864 करोड़ रुपये की लागत से शिलांग से सिलचर तक 166.8 किलोमीटर लंबे 4-लेन हाईवे निर्माण को मंजूरी दी। यह प्रोजेक्ट मेघालय, असम, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। वैष्णव ने इसे पूर्वोत्तर के विकास और रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
जाति जनगणना के फैसले पर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इसे “ऐतिहासिक” करार देते हुए कहा कि यह उनकी पार्टी की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। वहीं, कांग्रेस नेता उदित राज ने इसे कांग्रेस की जीत बताते हुए कहा, “आखिरकार मोदी सरकार को हमारी मांग माननी पड़ी।” कुछ X पोस्ट्स में इसे विपक्ष से मुद्दा छीनने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
क्यों अहम है जाति जनगणना?
जाति जनगणना से विभिन्न जातियों की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और संसाधनों तक उनकी पहुंच का डेटा मिलेगा, जो आरक्षण, सरकारी योजनाओं और नीति निर्माण में मदद करेगा। हालांकि, कुछ आलोचकों का मानना है कि यह सामाजिक विभाजन को बढ़ावा दे सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया कि सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किए बिना यह प्रक्रिया पारदर्शी होगी।