• 19/06/2025

छत्तीसगढ़ का कारोबारी झारखंड शराब घोटाला में गिरफ्तार, सिद्धार्थ सिंघानिया को रांची ले गई ACB, 450 करोड़ की साजिश का खुलासा

छत्तीसगढ़ का कारोबारी झारखंड शराब घोटाला में गिरफ्तार, सिद्धार्थ सिंघानिया को रांची ले गई ACB, 450 करोड़ की साजिश का खुलासा

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झारखंड के 450 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को रायपुर से गिरफ्तार किया। सिंघानिया सुमित फैसिलिटीज मैनपावर सप्लाई कंपनी के मालिक हैं। ACB ने पहले उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी के बाद रांची की विशेष अदालत से 12 जून 2025 को गिरफ्तारी वारंट लिया गया।

घोटाले की साजिश रायपुर में रची गई, जिसमें छत्तीसगढ़ की चार कंपनियों—सुमित फैसिलिटीज, ईगल हंटर सॉल्यूशंस, एटूजेड इंफ्रा सर्विसेज और प्राइम वन—को झारखंड में मैनपावर सप्लाई का ठेका दिया गया। ये ठेके तत्कालीन आबकारी सचिव IAS विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में मिले। आरोप है कि सिंघानिया का चौबे से करीबी रिश्ता था, जिसके चलते उन्हें ठेका मिला। एक साल बाद अनियमितताओं के कारण इन कंपनियों को हटा दिया गया।

छत्तीसगढ़ ACB-EOW ने 7 सितंबर 2024 को दर्ज FIR में खुलासा किया कि झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर शराब की खुदरा बिक्री कराई गई। FIR में IAS विनय चौबे, संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेंद्र सिंह, छत्तीसगढ़ के पूर्व अधिकारियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अन्य के खिलाफ साजिश रचने का आरोप है। इन पर डुप्लीकेट होलोग्राम वाली देशी शराब बेचने और विदेशी शराब के टेंडर करीबी कंपनियों को देकर करोड़ों का अवैध कमीशन वसूलने का आरोप है।

FIR के अनुसार, छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले का मॉडल झारखंड में लागू किया गया, जिससे दोनों घोटालों के तार जुड़े हैं। रांची के कारोबारी विकास सिंह की शिकायत पर छत्तीसगढ़ EOW ने 450 करोड़ के नुकसान का केस दर्ज किया। CBI ने जांच शुरू की है, जिसमें झारखंड के पूर्व IAS अमित प्रकाश, विनय चौबे, गजेंद्र सिंह, रोहित उरांव और छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी सलाहकार अरुणपति त्रिपाठी की भूमिका की जांच हो रही है। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी जांच के दायरे में हैं।

जांच में सामने आया कि सिंघानिया ने पुराने कर्मचारियों को ही काम पर रखकर ठेकेदारों से पैसे वसूले। झारखंड सरकार को 2022-23 में 500 करोड़ के राजस्व नुकसान का अनुमान है। ACB की जांच जारी है, और सिंघानिया को रांची लाकर पूछताछ की जाएगी।