• 31/05/2025

न्यूड किन्नरों ने काटा बवाल, अस्पताल में डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, भागे मरीज भी

न्यूड किन्नरों ने काटा बवाल, अस्पताल में डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, भागे मरीज भी

जौनपुर के अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में शुक्रवा को रात 8:45 बजे 20-25 किन्नरों ने 45 मिनट तक हंगामा मचाया। इमरजेंसी वार्ड में घुसकर उन्होंने डॉ. पवन सिंह, नर्सिंग ऑफिसर आशीष सिंह, वार्ड बॉय अमित सिंह और एक फार्मासिस्ट को दौड़ाकर पीटा, जिससे चारों को गंभीर चोटें आईं। किन्नरों ने कपड़े उतारकर हंगामा किया, जिससे मरीज, उनके परिजन और स्टाफ डरकर भाग गए। अस्पताल में तैनात दो सुरक्षा गार्ड भीड़ को रोकने में असफल रहे। पुलिस ने अज्ञात किन्नरों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकवादमा दर्ज कर जांच शुरू की है।

किन्नरों का आरोप: साथी को इलाज से वंचित किया

किन्नरों की सरदार अक्षिता ने बताया कि उनकी एक शिष्या, जिसके साथ पड़ोसियों ने जमीन विवाद में लाठी-डंडों से हमला किया और कपड़े फाड़कर बलात्कार किया, इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड पहुंची थी। डॉ. पवन सिंह ने पहले FIR दर्ज करने की शर्त रखी और कथित तौर पर गाली-गलौज कर स्टाफ के साथ उसे धक्के देकर बाहर निकाल दिया। इससे नाराज होकर अक्षिता ने अन्य किन्नरों के साथ अस्पताल में हंगामा किया।

घटनाक्रम: मारपीट से अफरातफरी तक

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, किन्नरों ने इमरजेंसी वार्ड में सर्जिकल टेबल पर चढ़कर मारपीट की। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची, लेकिन तब तक ज्यादातर किन्नर फरार हो चुके थे। पिछले साल भी बरसठी थाने में किन्नरों ने इसी तरह का उपद्रव किया था। कोतवाली प्रभारी मिथिलेश ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

सीएमएस की चेतावनी: सुरक्षा नहीं तो कार्य बहिष्कार

सीएमएस डॉ. केके राय ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि डॉक्टरों और स्टाफ पर हमला बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने पुलिस को रिपोर्ट सौंपी और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की, वरना कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हम इलाज करते हैं, मार नहीं खाएंगे।”

किन्नरों की मांग: इंसाफ और FIR

अक्षिता ने कहा कि उनका मकसद हिंसा नहीं था, लेकिन उनकी साथी के साथ अन्याय हुआ। किन्नर समुदाय ने डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ FIR की मांग की। शनिवार सुबह 11 बजे किन्नर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र से मिले और निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई।

डीएम के निर्देश: निष्पक्ष जांच और संवेदनशीलता

डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि बिना जांच के किसी को दोषी ठहराना गलत है। उन्होंने देखा कि कई किन्नर चोटिल थे। डीएम ने कोतवाल को किन्नरों की चोटों और इलाज न होने की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किन्नर समुदाय के प्रति मानवीय संवेदनशीलता जरूरी है और मारपीट के वीडियो की निष्पक्ष जांच होगी।

एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने कहा कि सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं और दोषियों पर जल्द कार्रवाई होगी। अस्पतालों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।