• 27/09/2025

‘मौलाना भूल गया किसका शासन है, ऐसा सबक सिखाएंगे कि पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी’, बरेली हिंसा पर CM योगी की सख्त चेतावनी

‘मौलाना भूल गया किसका शासन है, ऐसा सबक सिखाएंगे कि पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी’, बरेली हिंसा पर CM योगी की सख्त चेतावनी

उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार (26 सितंबर) को जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान को लेकर भड़की हिंसा पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। वो सोचता था कि धमकी देकर सड़क जाम कर देगा, लेकिन हमने साफ कर दिया कि न जाम होगा, न कर्फ्यू लगेगा। ऐसा सबक सिखाएंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी।” इस बयान के साथ ही योगी ने दंगाइयों को चेतावनी दी कि उत्तर प्रदेश में अब कानून का राज है और अराजकता बर्दाश्त नहीं होगी।

बरेली हिंसा का विवरण

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर सैकड़ों लोग बरेली में अला हजरत दरगाह और फाइक एन्क्लेव के पास जमा हुए। प्रदर्शनकारी इस्लामिया इंटर कॉलेज की ओर बढ़े, जहां पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, वाहनों में तोड़फोड़ की और फायरिंग की। पुलिस ने लाठीचार्ज, आंसू गैस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती के साथ स्थिति को नियंत्रित किया। इस हिंसा में 10 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए।

पुलिस की कार्रवाई

बरेली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया और 50 लोगों को हिरासत में लिया। मौलाना को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पांच थानों में 2000 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से 7 में तौकीर रजा का नाम शामिल है। पुलिस ने चाकू, तमंचे, ब्लेड और पेट्रोल की बोतलें बरामद की हैं, जो हिंसा की सुनियोजित साजिश की ओर इशारा करती हैं। SSP अनुराग आर्या ने बताया कि यह साजिश सात दिन पहले से रची जा रही थी, जिसमें बाहरी तत्व भी शामिल थे।

विवरण
आंकड़े
गिरफ्तार
8
हिरासत में
50
FIR दर्ज
10 (2000 अज्ञात)
मौलाना के खिलाफ FIR
7
बरामद सामग्री
चाकू, तमंचे, ब्लेड, पेट्रोल बोतलें

योगी का बयान: “2017 से पहले का यूपी अब नहीं”

सीएम योगी ने अपने बयान में पिछली सरकारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “2017 से पहले यूपी में दंगे और कर्फ्यू आम थे। दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था, लेकिन अब सत्ता अपराधियों के सामने नहीं झुकती। हमने नाकाबंदी और कर्फ्यू की जरूरत नहीं पड़ने दी।” योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और कानून-व्यवस्था को हर हाल में बनाए रखा जाए।

‘आई लव मोहम्मद’ विवाद की पृष्ठभूमि

यह विवाद 4 सितंबर को कानपुर में बारावफात (ईद मिलाद-उन्नबी) के जुलूस के दौरान शुरू हुआ, जब एक समूह ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा बैनर लगाया। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद पुलिस ने बैनर हटाए और 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। 15 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज हुई। इसके बाद विवाद कई शहरों और राज्यों में फैल गया, जहां ‘आई लव मोहम्मद’ के समर्थन में रैलियां और पोस्टर लगे। जवाब में हिंदू समुदाय ने ‘आई लव महादेव/महाकाल’ जैसे बैनर लगाए। बरेली में यह विवाद हिंसक प्रदर्शन का कारण बना।

लखनऊ और बाराबंकी में तनाव

लखनऊ में ‘आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी’ और ‘आई लव बुलडोजर’ लिखे होर्डिंग्स लगाए गए, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने। वहीं, बाराबंकी में देर रात ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर फाड़े जाने पर हंगामा हुआ, जिसे पुलिस ने भारी बल तैनात कर नियंत्रित किया।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

सुप्रीम कोर्ट की वकील फराह फैज: उन्होंने ‘आई लव मोहम्मद’ नारे को ‘चीप पब्लिसिटी’ करार दिया। उन्होंने कहा, “मोहम्मद की असली मोहब्बत उनके उसूलों पर चलने में है, न कि सड़कों पर शोर मचाने में। मदीना चार्टर पढ़ें, जिसमें इंसानियत और राष्ट्रप्रेम सर्वोपरि है। ऐसे लोगों पर मुकदमे दर्ज होने चाहिए।”

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद: उन्होंने कहा, “मोहम्मद से मोहब्बत हर मुसलमान के दिल में है। इसे जताने के लिए सड़कों पर हंगामा करने की जरूरत नहीं। उनके उसूलों पर चलना ही असली मोहब्बत है। मौलानाओं को इसे रोकना चाहिए।”

प्रदर्शन न करने का लिखित आश्वासन फिर बवाल

जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि प्रशासन ने बीएनएसएस धारा 163 लागू कर बिना अनुमति के कार्यक्रमों पर रोक लगाई थी। मौलाना के प्रतिनिधियों नदीम और नफीज ने प्रदर्शन न करने का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन तौकीर रजा ने इसे फर्जी बताकर प्रदर्शन का आह्वान किया। पुलिस ने फ्लैग मार्च और बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया।