- 02/10/2024
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति; प्राइवेट छात्र भी भरेंगे नियमित जितनी फीस, 20 अक्टूबर तक कराना होगा पंजीयन सभी महाविद्यालयों को भेजी गई सूचना
पैसों के अभाव में नियमित पढ़ाई ना करके प्राइवेट स्टूडेंट के रूप में परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्रों की मुश्किलें मौजूदा सत्र से बढ़ने वाली है। इन छात्रों को अब पूर्व की तरह नाममात्र शुल्क ना देकर वही शुल्क देना होगा। जो नियमित छात्र प्रवेश के दौरान प्रवेश देते हैं।
दरअसल अब प्राइवेट छात्र पहले की तरह सिर्फ परीक्षा दिलाने महाविद्यालय नहीं जाएंगे। बल्कि उन्हें नियमित परीक्षार्थियों की तरह कुछ दिनों की कक्षाएं भी अटेंड करनी होंगी। अब तक प्राइवेट छात्रों के लिए न्यूनतम शुल्क 1600 रुपए या फिर इसके समकक्ष ही होता था। लेकिन अब छात्र कॉलेज द्वारा तय शुल्क ही देंगे।
अधिकतर निजी महाविद्यालयों में प्रति सेमेस्टर प्रारंभिक शुल्क ही 6 से 8 हजार तक है। ऐसे में छात्रों को लगभग दस गुना शुल्क भरना होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि नियमित छात्रों की प्रवेश तिथि समाप्त होने के 20 दिनों के भीतर ही प्राइवेट छात्रों को भी अपना पंजीयन कराना होगा।
इस बार छात्रों को 30 सितंबर तक का समय प्रवेश के लिए दिया गया था। इस तरह से प्राइवेट छात्रों के पास दाखिले के लिए सिर्फ 20 अक्टूबर तक का ही समय है। प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन सचिव डॉ. देवाशीष मुखर्जी कि प्राइवेट कॉलेजों ने तय किया है कि नियमित छात्रों से ली जाने वाली फीस का 80 से 90 प्रतिशत प्राइवेट छात्रों से लिया जाएगा।