• 15/07/2023

ठगी के दस्तावेज नहीं होने से सरकारी खाते में अटका साढ़े 3 करोड़

ठगी के दस्तावेज नहीं होने से सरकारी खाते में अटका साढ़े 3 करोड़

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चिटफंड कंपनियों से बुरी तरह ठगाए गए पीड़ित अपनी राशि का ब्याज तो दूर लागत तक के लिए तरस रहे हैं। CM भूपेश बघेल ने पूरवर्ती बीजेपी शासनकाल में करोड़ों का चिटफंड घोटाला करके भागी कंपनियों की मुश्के कसने की कोशिश तो किया। लेकिन अब तक जिन चिटफंड पीड़ितों की रकम वसूल ली गई है उन्हें हासिल करने में वे नाकाम हैं।

बता दें कि रायपुर जिले के 30 हजार चिटफंड पीड़ितों के करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए एक साल से सरकारी खाते में अटके हैं। पुलिस और प्रशासन ने कई फ्रॉड चिटफंड कंपनियों की प्रॉपर्टी तलाश करने के बाद उसकी नीलामी करवायी। लेकिन ठगी के दस्तावेज नहीं होने से प्रशासन पैसे ही नहीं बांट पा रहा है।

अपर कलेक्टर ने कई बार रायपुर एसडीएम को चिट्ठी भी लिखी है। उनसे उन लोगों की सूची मांगी गई है जिनके पैसे वापस करने हैं। लेकिन अभी तक सूची नहीं बन सकी क्योंकि पीड़ितों को बार-बार पत्र लिखने के बावजूद वे ऐसा कोई प्रमाण नहीं दे पा रहे, जिससे पता चले कि उनके कितने पैसे कंपनी में जमा थे। ना उनके पास कोई रसीद या दस्तावेज है। ना ही कोई बांड की कॉपी पीड़ित दे पा रहे हैं।

अब तक इनकी प्रॉपर्टी बेचकर दिए रकम
शुष्क इंडिया कंपनी लिमिटेड की संपत्ति नीलामी से 2.12 करोड़ रुपए शासकीय खाते में जमा किए गए

गोल्ड की इंफ्रावेंचर लिमिटेड और बे सिड बेनीफीट लिमिटेड की संपत्ति की नीलामी से 81 लाख

निर्मल इंफ्रा होम कॉर्पोरेशन लि. की प्रॉपर्टी की नीलामी से 51.51 लाख

आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लि. की संपत्ति नीलामी से 11.85 लाख रुपए मिले हैं

अब तक इतने लोगों को लौटे गई राशि
अभी तक 9866 लोगों को चिटफंड कंपनी में गंवाई रकम वापस मिली है

बड़ी रकम देवयानी प्रापर्टी लिमिटेड में निवेश करने वाले लोगों को मिली है

कंपनी की संपत्तियों की नीलामी से 4.14 करोड़ रुपए लोगों को वापस मिले

माइक्रो फायनेंस की अभनपुर में स्थित जमीन की नीलामी की जानी थी नहीं हुई

साईं प्रकाश डेवलपमेंट की करीब 8 करोड़ की प्रॉपर्टी भी कुर्क लेकिन नीलामी अटकी

साईं प्रकाश ने राजधानी में ही 50 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया है

राज्य में कंपनियों की 127 करोड़ की प्रॉपर्टी
54.90 करोड़ रु की रकम नीलामी के बाद शासन के खाते में जमा हुई।

33.50 करोड़ रुपए अब तक पीड़ित निवेशकों को वापस किए गए।

छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में 45 हजार 593 लोगों को रकम मिली।