- 20/05/2025
कोरोना से मुंबई में 2 की मौत: देश में फिर बढ़ने लगे कोरोना के आंकड़े, अब इस वेरिएंट ने उड़ाई नींद, चीन-सिंगापुर-हॉन्गकॉन्ग में मची खलबली


कोरोना एक बार फिर से अपने पैर पसारने लगा है। चीन, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और थाइलैंड सहित एशिया के कई देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ने लगे हैं। इन सबके बीच कोरोना वायरस ने भारत में भी अपनी दस्तक दे दी है। देश में कोरोना के मामलों में मामूली वृद्धि देखी जा रही है, जिसे लेकर विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। भारत में वर्तमान में 257 केस एक्टिव हैं। जिसमें सबसे ज्यादा मामले केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सामने आए हैं। एक सप्ताह के भीतर केरल में 69, महाराष्ट्र में 44 और तमिलनाडु में 34 नए मामले सामने आए हैं। मुंबई में कोरोना पीड़ित दो मरीजों की मौत हो गई है।
मृतकों में एक 59 वर्षीय महिला और एक 14 वर्षीय बालिका शामिल हैं। महिला को मुंह का कैंसर था, जबकि बालिका नेफ्रोटिक सिंड्रोम (किडनी रोग) से पीड़ित थी। दोनों की मृत्यु 19 मई को मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा संचालित केईएम अस्पताल, परेल में हुई। पोस्टमॉर्टम जांच में दोनों के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। केईएम अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मोहन देसाई ने बताया कि महिला की मौत सेप्सिस और बालिका की मौत किडनी फेल्यर के कारण हुई।
मुंबई में कोविड की स्थिति
मुंबई में हाल ही में कोविड-19 के 53 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश हल्के लक्षण वाले हैं। केईएम अस्पताल के कार्यवाहक डीन डॉ. संदेश परेलकर ने कहा, “ये मौतें कोविड-19 से सीधे संबंधित नहीं हैं।” अस्पताल में हाल ही में 15 हल्के कोविड मामले सामने आए, जिनमें सभी मरीज ठीक हो चुके हैं।
देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति
भारत में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन हाल के दिनों में मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई है। 19 मई 2025 तक, देश में 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए, जो पिछले सप्ताह के 93 मामलों से अधिक हैं। महाराष्ट्र और केरल में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जेएन.1 (ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट) के कारण मामलों में यह उछाल देखा जा रहा है, जो अधिक संक्रामक है, लेकिन गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब तक 45,041,748 कोविड मामले और 533,623 मौतें दर्ज की गई हैं। हालांकि, वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या कम है, और अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण हैं, जिनका इलाज 5-7 दिनों में पूरा हो रहा है।
कितना भयावह है यह?
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 अब स्थानिक (एंडेमिक) हो चुका है, और इसकी गंभीरता पहले की तुलना में काफी कम हो गई है। जेएन.1 वेरिएंट, जो हाल के मामलों का कारण है, अधिक संक्रामक है, लेकिन यह गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की दर को नहीं बढ़ा रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जेएन.1 को “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” के रूप में वर्गीकृत किया है, लेकिन यह गंभीर बीमारी का संकेत नहीं देता।
डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा टीके गंभीर बीमारी से बचाव में प्रभावी हैं। हालांकि, पहले से गंभीर बीमारियों (जैसे कैंसर, किडनी रोग, या मधुमेह) से पीड़ित लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विभाग की सलाह
मुंबई महानगरपालिका और स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से घबराने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। सुझाए गए उपायों में शामिल हैं:
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना
- नियमित रूप से हाथ धोना
- भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना
- कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना
स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के तहत एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के माध्यम से श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी की जा रही है। अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों और गंभीर श्वसन संक्रमणों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।