- 27/05/2025
सुसाइड: एक ही परिवार के 7 लोगों ने की आत्महत्या, कार में मिला शव, सुसाइड नोट में बताया खुदकुशी की वजह


सोमवार देर रात पंचकूला के मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में कर्ज के बोझ तले दबे एक परिवार के सात लोगों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सभी लोग घर के बाहर खड़ी एक हुंडई ऑरा कार में थे। मृतकों की पहचान प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी रीना, मां विमला, पिता देशराज, जुड़वां बेटियों हिमशिखा और दलिशा (11), और बेटे हार्दिक (14) के रूप में हुई है। पुलिस को मौके से दो पेज का सुसाइड नोट मिला, जिसमें प्रवीण ने लिखा, “मैं बैंकरप्ट हो चुका हूं। मेरी वजह से ये सब हुआ। मेरे ससुर को कुछ मत कहना।”
प्रत्यक्षदर्शी हर्ष, जो सेक्टर 27 में मकान नंबर 1204 में रहते हैं, ने बताया कि रात करीब 10:30 बजे उनके मकान मालिक ने बाहर खड़ी कार में कुछ लोगों को देखा। पास जाकर देखने पर पता चला कि कार में कई लोग बेसुध पड़े थे, और एक व्यक्ति, प्रवीण मित्तल, जिंदा था। हर्ष ने बताया कि कार में सभी ने उल्टी की थी, जिससे जहर खाने का शक हुआ। प्रवीण ने बताया कि परिवार ने भारी कर्ज के कारण आत्महत्या की है। हर्ष ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और प्रवीण को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सुसाइड नोट और कर्ज का बोझ
पुलिस को कार से मिले सुसाइड नोट में प्रवीण ने अपनी आर्थिक तंगी का जिक्र किया और अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अपने मामा के लड़के को सौंपी। प्रवीण के ससुर राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रवीण ने 10 साल पहले हिसार के बरवाला में एक करोड़ रुपये का लोन लिया था। इसके बाद वह देहरादून चला गया, जहां उसने टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार शुरू किया, लेकिन उसे भारी नुकसान हुआ। प्रवीण की साली राखी गुप्ता ने बताया कि बैंक ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। हाल ही में प्रवीण टैक्सी चलाने लगा था।
बागेश्वर सरकार की कथा से लौटने के बाद उठाया कदम
पुलिस के अनुसार, परिवार सोमवार को बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा में शामिल होने गया था। वहां से लौटते समय इस घटना को अंजाम दिया गया। प्रवीण का परिवार पहले देहरादून के कौलागढ़ में किराए के मकान में रहता था। जिस कार में यह घटना हुई, वह देहरादून के मालदेवता निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। गंभीर ने बताया कि उन्होंने एक एनजीओ के काम के सिलसिले में प्रवीण को यह कार फाइनेंस पर दी थी।
दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों ने किया था सुसाइड
इस घटना ने दिल्ली के बुराड़ी में 1 जुलाई 2018 को हुई सामूहिक आत्महत्या की याद दिला दी, जहां एक परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या की थी। उस मामले में 10 लोग फांसी पर लटके मिले थे, जबकि सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी का शव दूसरे कमरे में मिला था। जांच में पता चला कि परिवार के सदस्य ललित ने दावा किया था कि उसके पिता की आत्मा उसमें प्रवेश करती है, और उसी के निर्देश पर परिवार 11 साल से डायरी में लिखे नियमों का पालन कर रहा था। 30 जून 2018 की रात एक विशेष पूजा के दौरान सभी की मौत हो गई थी।