- 13/03/2023
हाईकोर्ट का फैसला: सहमति से 5 साल तक सेक्स रेप नहीं, प्रेमी को दुष्कर्म के आरोप से किया बरी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि 5 साल तक सहमति से बनाए गए संबंधों को रेप नहीं कहा जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रेमिका द्वारा अपने एक्स बॉय फ्रैंड के खिलाफ लगाए गए रेप के आरोप को खारिज कर दिया है। प्रेमिका ने अपने प्रेमी पर आरोप लगाया था कि उसने शादी की वजह से उसके साथ संबंध बनाए थे लेकिन बाद में उसने रिश्ता तोड़ दिया।
दरअसल बेंगलुरु की रहने वाली एक लड़की ने अपने एक्स बॉय फ्रेंड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उसने आरोप लगाया था। कि वह युवक के साथ 5 साल से रिलेशनशिप में थी। इस दौरान युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे। लेकिन बाद में शादी से इंकार कर दिया।
लड़की की शिकायत पर युवक के खिलाफ सिविल कोर्ट और सेशन कोर्ट में अपने खिलाफ चल रही कार्यवाही को चुनौती दी थी। जिसमें उसने कहा कि लड़की और वो 5 साल तक रिलेशनशिप में थे और शादी करना चाहते थे। लेकिन दोनों की जाति अलग-अलग होने की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाया।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने अपने फैसले में कहा कि मामले में यौन संबंधों की सहमति एक बार, दो बार, तीन बार या फिर कुछ दिनों और कुछ महीनों के लिए बल्कि पांच सालों के लिए ली गई थी। ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता कि पांच साल तक लड़की ने बगैर मर्जी से युवक के साथ संबंध बनाए।
कोर्ट ने कहा कि इतने लंबे समय तक किसी रिश्ते का रहना और इस दौरान दोनों के बीच संबंध के चलते इसे 375 और 376 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता। आईपीसी की धारा 375 महिला की सहमति के बगैर बनाए गए यौन संबंधों को रेप मानती है और धारा 376 में सजा का प्रावधान है।
जज ने कहा कि सिर्फ वित्तीय लेन-देन आईपीसी की धारा 406 के तहत आपराधिक धोखाधड़ी का मामला नहीं बनेगा। हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि उस शख्स को धारा 323 (गंभीर हमला) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध के लिए मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।