- 25/08/2023
विनोद वर्मा ने ईडी के छापे को बताया डकैती और लूट, कहा- बिल दिखाने के बावजूद ले गए पूरा गोल्ड
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार और AICC मेंबर विनोद वर्मा ने उनके आवास में ईडी की छापामार कार्रवाई को डकैती और लूट बताया है। ऑनलाइन सट्टा एप्प ‘महादेव बुक’ मामले में गिरफ्तार आरोपी चंद्रभूषण वर्मा के साथ रिश्ते के दावे को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही विनोद वर्मा का कहना है कि ईडी ने उनके खिलाफ कार्रवाई एक मैग्जीन में छपी कहानी के आधार पर की है। वे मैग्जीन के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
विनोद वर्मा ने राजीव भवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि मैं 1987 से पत्रकार हूं, कुछ साल पहले राजनेता बन गया। ईडी कह रही है कि 65 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हूं जबकि मैं ने अठन्नी की भी मनी लॉन्ड्रिंग नहीं की।
पत्रकार से नेता बने विनोद वर्मा ने कहा कि मेरा ASI चंद्रभूषण वर्मा से कोई संबंध नहीं है। ईडी के पास क्या सबूत है कि मेरा उनसे संबंध है। उनके पास क्या सबूत है कि हम दोनों संपर्क में थे। ईडी की ये कार्रवाई मेरे खिलाफ सुनी सुनाई बातों और एक व्यक्ति के बयान के आधार पर की गई है।
उन्होंने कहा कि चंद्रभूषण वर्मा से ढाई साल पहले उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने चंद्रभूषण को चेतावनी दी थी कि अगर उनके नाम का दुरुपयोग किया तो वे उस पर कार्रवाई करेंगे। मैग्जीन में कहानी के बाद मैंने दुर्ग पुलिस को जांच के लिए दिसंबर 2022 में लिखा था।
विनोद वर्मा ने कहा कि मेरे घर में रखे सभी गोल्ड ज्वेलरी का बिल ईडी के अफसरों के सामने पेश किया लेकिन फिर भी उन्होंने घर में रखा सारा गोल्ड जब्त कर लिया कि इसका भुगतान आपने कैसे किया इसका जवाब नहीं दे पाए। यह लूट है डकैती है।
आपको बता दें ईडी ने बुधवार को ऑनलाइन सट्टा ‘महादेव बुक’ मामले में ASI चंद्रभूषण समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ईडी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि चंद्रभूषण वर्मा का विनोद वर्मा से रिश्ता है और संबंध रखते हुए उसने पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों और छत्तीसगढ़ में सत्ता में बैठे नेताओं को 65 करोड़ी की रिश्वत दी।