- 27/09/2023
हाईकोर्ट: 14 करोड़ का चावल लिया, 4 करोड़ का नहीं कर सके भुगतान, पुलिस ने भेजा जेल.. हाईकोर्ट ने रद्द की FIR
राजधानी रायपुर में हुए करोड़ों रुपये के चावल धोखाधड़ी के मामले के महाराष्ट्र के व्यापारियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने व्यापारी पिता-पुत्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है।
दरअसल तिल्दा के अमित चावल उद्योग राजेन्द्र अग्रवाल ने तिल्दा थाने और मोवा के भगवती इंटरप्राइजेज के संचालक प्रशांत शर्मा ने मोवा थाना में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक 20 जुलाई 2021 को महाराष्ट्र ठाणे स्थित राइस एक्सपोर्टर किआ एग्रो इंडस्ट्रीज प्रा.लि. द्वारा चावल खरीदने के लिए आर्डर मिला था।
जिस पर उन्होंने 01.11.2021 से 14.12.2021 तक किआ एग्रो को 5996.80 टन चावल सप्लाई किया। जिसकी कीमत तकरीब साढ़े तेरह करोड़ रुपये हुई थी। जिसमें कि किआ एग्रो के संचालकों ने 9,38,75,354/- रूपये का भुगतान किया गया जबकि शेष 4,14,78,034/- रूपये की राशि का भुगतान नहीं किया गया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
जिस पर प्रशांत शर्मा और राजेन्द्र अग्रवाल की शिकायत पर राजधानी के मोवा और तिल्दा थाना में पिता-पुत्र अनिल कुमार मौर्या और ऋषभ मौर्या के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस ने किआ एग्रो इण्डस्ट्रीज प्रा.लि. के अन्य डायरेक्टर अनिल मौर्य एवं ऋषभ मौर्य के साथ ही मास्टर माइंड बताए जा रहे अनिल गोयल को भी गिरफ्तार किया था।
हाईकोर्ट ने आदेश में यह कहा
आरोपियों ने इस मामले में एफआईआर रद्द करने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले में जस्टिस राकेश मोहन पांडे की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए किआ एग्रो के डायरेक्टर पिता-पुत्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के अपराध को गलत माना है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं ने साढ़े तेरह करोड़ में से 9 करोड़ से ज्यादा का भुगतान कर दिया था। जिससे उनकी मंशा धोखा देने या बेईमानी की नहीं थी। आरोपी शिकायतकर्ता को पैसे का भुगतान नहीं कर सके यह आपराधिक विश्वास हनन की श्रेणी में नहीं आता।