- 01/04/2024
जीवित रहते छपवा दिए तेरहवीं के कार्ड, शोक पत्र की जगह लिखवाया विस्मरण पत्र..जानिए क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें जीते जी एक रिटायर्ड शिक्षक अपनी ही तेरहवीं कर रहे हैं।बाकायदा इसके लिए कार्ड छपवाकर समाज में बांटे भी गए हैं। जीते जी रक्तदान मरते मरते दे दान। यह वाक्य तो आपने बहुत सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने ऐसा भी सुना है कि लोग जीते जी ही अपनी तेरहवीं कर दे।
कार्ड छपवाकर लोगों को दिया निमंत्रण
दरअसल, दमोह नगर के फुटेरा वार्ड नंबर एक में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक जीपी सोनी जीते जी अपनी तेरहवीं कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने न केवल कार्ड छपवाए बल्कि उन्हें समाज में बंटवाकर लोगों को तेरहवीं पर आयोजित स्वल्पाहार में आने का न्योता भी दिया है। जीपी सोनी ने अपने कार्ड में सबसे ऊपर शोक संदेश की जगह है विस्मरण पत्र लिखवाया है।
परिवार को नहीं है कोई आपत्ति
ईटीवी भारत से बातचीत में सोनी ने बताया कि ‘इस संसार में सब कुछ मिथ्या है। मरने के बाद कोई व्यक्ति अपने साथ कुछ नहीं ले जा सकता। जैसा आया था वैसा ही जाएगा।इसलिए उन्होंने अपनी तेरहवीं करने का निर्णय लिया है। इसके लिए परिवार के किसी भी सदस्य को आपत्ति नहीं है। बल्कि पत्नी और बच्चे इस तेरहवीं आयोजन के लिए सहमत हैं।
2 साल पहले लिया था संकल्प
शासकीय रिटायर्ड शिक्षक जयप्रकाश सोनी 63 ने अपने निधन से पहले अपनी तेरहवीं करा रहे हैं। उन्होंने जो आमंत्रण पत्र छपवाया है। उसमें स्पष्ट उल्लेख किया है कि सूचित करना पड़ रहा है कि जय प्रकाश सोनी की आत्मा का निधन हो गया है। उनके आत्म विहीन शरीर के स्वस्थ रहने के लिए स्वल्पाहार का आयोजन किया जा रहा है।
सोनी ने बताया कि उनका भरा पूरा परिवार है। बेटा प्रवीण सोनी उनकी पूरी देखरेख करता है। मगर उनके मन में ऐसा भाव आया है। इसलिए उन्होंने रिश्तेदार और परिचितों के बीच में तेरहवीं का कार्यक्रम कराने का निर्णय लिया। वे सभी को जीवित रहते हुए खुद का मृत्यु भोज दे रहे हैं।