- 26/10/2024
‘नवाबों के शहर’ के भिखारी! कमाई सुनकर उड़ जाएंगे होश… कई कोठियों के हैं मालिक
उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर को नवाबों के शहर का खिताब हासिल है। लेकिन यहां भिखारी पर तरस खाने से पहले जरा एक बार गौर फरमाएंगे। दरअसल समाज कल्याण विभाग और जिला नगरीय विकास अभिकरण ने एक सर्वे किया है। सर्वे में भिखारियों की औसत कमाई 90 हजार रुपया महीना आंकी गई है।
यह रकम यहां नौकरी करने वाले 80 फीसदी प्रोफेशनल्स की सैलरी से ज्यादा है। सर्वे में कई भिखारियों के बैंक खातों में लाखों रुपए मिले हैं। तो कई कोठीनुमा मकान के मालिक भी निकले हैं। स्मार्ट फोन चलाने वाले भिखारियों की संख्या भी कुछ कम नहीं है। सर्वे में लखनऊ में 5 हजार 312 भिखारी मिले हैं। ये बात भी सामने आई है कि लखनऊ के लोग रोजाना 63 लाख रुपए भीख देते हैं। भीख से आय के मामले में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं।
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भिखारियों में महज 10 फीसदी ही मजबूरी में ये काम कर रहे हैं। बाकी 90 फीसदी पेशेवर भिखारी हैं। ये पेशेवर भिखारी बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर और लखीमपुर खीरी से सिर्फ भीख मांगने लखनऊ आते हैं।
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दरअसल शासन भिखारियों को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की कवायद में जुटे हैं। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। जिसमें भिखारियों के फॉर्म भरवाकर उनके आधार कार्ड लिए जा रहे हैं। लेकिन सर्वे में शामिल अधिकारी भिखारियों की कमाई का खुलासा होने के बाद हैरान हैं।