• 08/11/2024

CM को नहीं मिला समोसा, बैठ गई CID जांच, ‘सरकार विरोधी’ कृत्य करार, 5 पुलिस कर्मियों को नोटिस

CM को नहीं मिला समोसा, बैठ गई CID जांच, ‘सरकार विरोधी’ कृत्य करार, 5 पुलिस कर्मियों को नोटिस

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समोसा का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। अब इसी समोसे को लेकर संग्राम छिड़ गया है। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के लिए समोसे मंगवाए गए लेकिन वो उनकी प्लेट तक नहीं पहुंचे। अब इसकी जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंप दी गई। मामले में पांच पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

सीआईडी की जांच में तीन डिब्बे केक और समोसे को खाने को “सरकार विरोधी” कृत्य करार दिया गया है। इस मामले को लेकर एक महिला इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

डीएसपी रैंक के अधिकारी के समक्ष पांचों पुलिस कर्मियों ने अपना अंतिम बयान दर्ज करा दिया है। डीएसपी विक्रम चौहान ने 25 अक्टूबर को सीआईडी के आईजी  को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में पांचों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

बीजेपी ने साधा निशाना

समोसा विवाद को लेकर भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरा है। बीजेपी का आरोप है कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को लोगों की समस्याओं से ज्यादा मुख्यमंत्री के खाने  की चिंता है। बीजेपी विधायक और मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कहा, “ऐसा लगता है कि सरकार को विकास कार्य में कोई भी दिलचस्पी नहीं है, उसका ध्यान सिर्फ़ खाने पर है।”

क्या है पूरा मामला?

दरअसल 21 अक्टूबर को सीएम सुक्खू सीआईडी हेडक्वार्टर में साइबर विंग स्टेशन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। यहां सीएम के लिए समोसा लाया गया था जो उनके स्टाफ को बांट दिया गया। सीआईडी जांच में पता चला कि सिर्फ एसआई को पता था कि ये डिब्बे खासतौर पर सीएम सुक्खू के लिए लाए थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आईजी रैंक के एक अधिकारी ने एक सब इंस्पेक्टर को होटल से नाश्ता लाने के लिए कहा था। एसआई ने इसकी जिम्मेदारी एक एएसआई औऱ हेड कांस्टेबल को दे दी। वे तीन बक्से लाए और एसआई को इसकी सूचना दे दी।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जब उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पर्यटन विभाग के कर्मचारियों से पूछा कि क्या तीनों बक्सों में रखा नाश्ता प्रमुख अतिथियों को परोसा जाना था, तो उन्होंने कहा कि यह मेन्यू में शामिल नहीं था। जिस महिला इंस्पेक्टर को खाद्य सामग्री सौंपी गई, उसने किसी वरिष्ठ अधिकारी से नहीं पूछा और जलपान को यांत्रिक परिवहन अनुभाग में भेज दिया, जो जलपान का काम देखता है।