- 18/03/2025
तलवार और कुल्हाड़ी से हमला, 3 डीसीपी सहित 33 पुलिसकर्मी घायल, दर्जनों गाड़ियों को फूंका, दुकानों में तोड़फोड़ और पत्थरबाजी, नागपुर हिंसा में अब तक 50 गिरफ्तार


फिल्म छावा में औरंगजेब के दिखाए गए चरित्र से उठा विवाद, मुगल बादशाह की कब्र तक पहुंचा और फिर एक बड़ी हिंसा का रुप ले लिया। महाराष्ट्र के नागपुर के महाल और हंसपुरी में सोमवार रात हिंसा भड़क गई। हथियारों से लैस उपद्रवियों की भीड़ ने पत्थरबाजी करने के अलावा कई दुकानों में तोड़फोड़ की, दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। इस हिंसा में डीसीपी रैंक के 3 अधिकारी सहित 33 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। इसके अलावा 5 अन्य लोग भी घायल हुए हैं। हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया।
दरअसल नागपुर के महाल में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर सोमवार को प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे थे। इसके बाद अफवाह फैल गई कि प्रदर्शनकारियों ने मुस्लिम धर्म के ग्रंथ को जला दिया। जिसके बाद हिंसा फैल गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रात साढ़े 8 बजे के आसपास सैकड़ों की संख्या में पहुंचे उपद्रवियों ने घरों और वाहनों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। दुकानों में तोड़फोड़ की गई, वाहनों में आग लगा दिया। सूचना पर पहुंचे फायरब्रिगेड के कर्मचारी और पुलिस कर्मी भी लोगों के गुस्से का शिकार बने। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े।
इस दौरान पुलिस पर भी धारदार हथियार से वार किया गया। डीसीपी अर्चित चांडक, डीसीपी शशिकांत सातव और डीसीपी निकेतन घायल हो गए। डीसीपी निकेतन के हाथ में 20 टांके लगे हैं। उन पर धारदार हथियार से वार किया गया था।
शहर में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की 5 कंपनियां तैनात की गई है। इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब तक 50 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।