• 28/03/2025

भूकंप से भारी तबाही: म्यांमार में इमरजेंसी घोषित, बैंकॉक में ट्रेन सेवाएं सस्पेंड

भूकंप से भारी तबाही: म्यांमार में इमरजेंसी घोषित, बैंकॉक में ट्रेन सेवाएं सस्पेंड

म्यांमार और थाइलैंड में शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने दोनों देशों में भारी तबाही मचाई। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई, जिसका केंद्र म्यांमार के मांडले से 50 किलोमीटर पूर्व में मोंयवा के पास था। कम गहराई पर आए इस भूकंप के झटके थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए, जिसके बाद दोनों देशों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई।

म्यांमार में भूकंप ने मांडले और सागाइंग क्षेत्र में व्यापक नुकसान पहुंचाया। कई इमारतें ढह गईं, सड़कों में दरारें पड़ गईं और सागाइंग में एक 90 साल पुराना पुल नदी में गिर गया। म्यांमार की सैन्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में इमरजेंसी की घोषणा की है। राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक हताहतों की सटीक संख्या स्पष्ट नहीं हो पाई है। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, मांडले में पूर्व शाही महल का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि नेप्यीडॉ में एक बड़े अस्पताल को आपातकालीन क्षेत्र घोषित किया गया, जहां घायलों का इलाज सड़क पर करना पड़ रहा है।

थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप का असर गहरा रहा। शहर के चतुचक मार्केट के पास एक 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिसमें 43 मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। थाइलैंड की आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन मलबे में कई लोगों के दबे होने की खबर ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। भूकंप के झटकों के बाद बैंकॉक में ट्रेन सेवाएं अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दी गई हैं, जिससे शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई है। थाइलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटर्न शिनावात्रा ने बैंकॉक को आपातकालीन क्षेत्र घोषित करते हुए लोगों से ऊंची इमारतों से दूर रहने की अपील की है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बैंकॉक में इमारतें कई मिनट तक हिलती रहीं, जिससे लोग दहशत में सड़कों पर भागते नजर आए। भूकंप का असर बांग्लादेश, वियतनाम और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तक भी महसूस किया गया। म्यांमार में सागाइंग फॉल्ट के पास होने के कारण भूकंप आम हैं, लेकिन इस बार की तीव्रता और इसका व्यापक प्रभाव असाधारण रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर बुनियादी ढांचे और अनियोजित निर्माण ने नुकसान को और बढ़ाया।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित देशों के प्रति संवेदना जताते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। दोनों देशों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर बनी हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में आफ्टरशॉक की चेतावनी दी है, जिससे लोगों में डर और बढ़ गया है।