• 12/04/2025

नेशनल हेराल्ड केस: ED का बड़ा एक्शन, AJL की 661 करोड़ की संपत्तियों पर कब्जे के लिए नोटिस जारी

नेशनल हेराल्ड केस: ED का बड़ा एक्शन, AJL की 661 करोड़ की संपत्तियों पर कब्जे के लिए नोटिस जारी

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुक्रवार, 11 अप्रैल को ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित इन संपत्तियों के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किए। इनमें दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा में एक परिसर और लखनऊ के विशेश्वर नाथ रोड पर एक इमारत शामिल हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत की गई है।

ईडी ने नवंबर 2023 में इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। जांच में पता चला कि एजेएल के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661.69 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां हैं, जिन्हें अपराध की आय माना गया है। इसके अलावा, यंग इंडियन (YI), जो नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिक है, के पास एजेएल में 90.21 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों के रूप में अपराध की आय है। ईडी ने मुंबई के हेराल्ड हाउस के सातवें, आठवें और नौवें फ्लोर पर कब्जा करने वाली कंपनी जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया है, जिसमें किराया या लीज की राशि ईडी के निदेशक के पक्ष में जमा करने को कहा गया है।

यह मामला 2014 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को कथित रूप से हड़पने का आरोप लगाया गया था। स्वामी ने दावा किया था कि यंग इंडियन ने मात्र 50 लाख रुपये में एजेएल का नियंत्रण हासिल कर लिया, जो 90.25 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले में हुआ। ईडी की जांच में दावा किया गया कि इस सौदे में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और विश्वासघात के तत्व शामिल थे।

कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कड़ा विरोध जताया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे “चुनावों में हार के डर से की गई बदले की कार्रवाई” करार दिया। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “इस मामले में कोई अपराध की आय नहीं है, न ही कोई शिकायतकर्ता है जिसे ठगा गया हो। यह पूरी तरह से एक मनगढ़ंत कहानी है।” दूसरी ओर, ईडी का कहना है कि उसकी कार्रवाई कानून के दायरे में और ठोस सबूतों के आधार पर की जा रही है।

ईडी ने अपनी जांच में यह भी आरोप लगाया कि एजेएल और यंग इंडियन ने 18 करोड़ रुपये की फर्जी दान राशि, 38 करोड़ रुपये की फर्जी अग्रिम किराए और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के जरिए अपराध की आय को और बढ़ाया। इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी, जो यंग इंडियन में 38-38% शेयरधारक हैं, से पहले भी पूछताछ की जा चुकी है।

सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने की कोशिश करार दे रहे हैं। फिलहाल, ईडी की यह कार्रवाई नेशनल हेराल्ड मामले को फिर से सुर्खियों में ला चुकी है, और आने वाले दिनों में इसके कानूनी और राजनीतिक नतीजे सामने आएंगे।