• 29/09/2023

महिला आरक्षण बिल बना कानून, राष्ट्रपति की लगी मुहर.. तो इसलिए लागू होने में लगेगा वक्त

महिला आरक्षण बिल बना कानून, राष्ट्रपति की लगी मुहर.. तो इसलिए लागू होने में लगेगा वक्त

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संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से पारित महिला आरक्षण बिल अब कानून बन गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज 29 सितंबर को इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। सरकार ने गजट अधिसूचना जारी कर दी है। इस बिल के कानून बन जाने के बाद अब लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित होगी।

पिछले दिनों मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया था। सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में बिल पेश करते हुए इसे नारीशक्ति वंदन बिल नाम दिया था। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 454 वोट मिले थे। जबकि 2 सांसदों ने इसका विरोध किया था। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सरकार ने बिल पेश किया था, जहां चर्चा के बाद उसे पास कर दिया गया था।

ओवैसी की पार्टी AIMIM के सांसदों को छोड़कर बाकी सभी सांसदों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया था। वहीं विपक्षी कांग्रेस ने इसमें OBC महिलाओं को भी आरक्षण देने की मांग की थी।

दोनों सदनों में पास होने के बाद बिल को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बिल ने कानून की शक्ल ले ली।

कब-कब बिल पेश हुआ

आपको बता दें सबसे पहले साल 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की की सरकार ने बिल पेश किया था। लेकिन बिल पारित नहीं हो सका था। उसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी बिल लेकर आई थी लेकिन उस दौरान भी बिल पारित नहीं हो सका। तीसरी बार साल मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 की सरकार ने साल 2008 में राज्यसभा में बिल पेश किया था। साल 2010 में राज्य सभा से बिल पारित हो गया। लेकिन लोकसभा में बिल पारित नहीं हो सका।

अभी ये है अड़चनें

कानून बनने के बाद भी महिला आरक्षण तुरंत लागू नहीं हो सकेगा। इसे लागू होने में लंबा वक्त लगेगा। इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित नहीं होगी। कानून लागू करने के पहले जनगणना और परिसीमन करवाया जाएगा।

साल 2021 में कोरोना की वजह से जनगणना नहीं कराया जा सका। अब 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना करवाया जाएगा। जनगणना के बाद लोकसभा औऱ विधानसभा की सीटों का परिसीमन होगा, जो कि साल 2026 के बाद ही होना है। ऐसे में महिला आरक्षण कानून को लागू होने में अभी लंबा वक्त लग सकता है।