- 01/06/2025
कब्र से 18 महीने बाद निकाला शव, फिर होगा पोस्टमार्टम, वकील-डॉक्टर सब है इस मामले में आरोपी

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फर्जी सर्पदंश मामले में पुलिस ने 18 महीने पहले दफन किए गए शव को बाहर निकाला। यह कार्रवाई बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम पोड़ी में न्यायिक मजिस्ट्रेट और फोरेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में की गई। शव को दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए सिम्स के मरच्यूरी भेजा गया है।
मामला ग्राम पोड़ी निवासी शिव कुमार घृतलहरे की मौत से जुड़ा है। 12 नवंबर 2023 को शिव ने जहरीला पदार्थ खा लिया था और इलाज के दौरान 14 नवंबर को उनकी मृत्यु हो गई। आरोप है कि वकील कामता साहू ने मुआवजा दिलाने का लालच देकर परिजनों को गुमराह किया और मामले को सर्पदंश का रूप दे दिया।
फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का खुलासा
पुलिस जांच में पता चला कि वकील कामता साहू ने डॉक्टर प्रियंका सोनी के साथ मिलकर फर्जी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करवाई। इस साजिश के तहत मृतक के परिजनों को झूठा बयान देने के लिए उकसाया गया, ताकि सरकारी मुआवजा हासिल किया जा सके। 9 मई को पुलिस ने वकील, डॉक्टर और तीन अन्य परिजनों सहित पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।
स्वास्थ्य विभाग ने गठित की विशेषज्ञ समिति
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाई, जिसने शव का दोबारा पोस्टमॉर्टम कराने की सिफारिश की। हालांकि, 18 महीने तक मिट्टी में दफन रहने के कारण शव पूरी तरह विघटित हो चुका है। फोरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में सटीक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार करना चुनौतीपूर्ण होगा।
षड्यंत्र का मास्टरमाइंड वकील
पुलिस के अनुसार, इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड वकील कामता साहू था। उसने परिजनों को गुमराह कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और डॉक्टर प्रियंका सोनी के साथ मिलकर यह साजिश रची। मामले में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। जांच और कार्रवाई जारी है।