• 06/06/2025

संघ मुख्यालय में इंदिरा और नरसिम्हा सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम, बोले- धर्मांतरण रोकने साथ काम करने की RSS से अपील

संघ मुख्यालय में इंदिरा और नरसिम्हा सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम, बोले- धर्मांतरण रोकने साथ काम करने की RSS से अपील

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छत्तीसगढ़ के सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक और पूर्व कांग्रेस नेता अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को बस्तर में धर्मांतरण रोकने के लिए सहयोगी बताया। गुरुवार को नागपुर में RSS के प्रशिक्षण शिविर में उन्होंने कहा कि धर्मांतरण एक गंभीर समस्या है, और RSS ही वह संगठन है जो इस मुद्दे पर रास्ता दिखा सकता है। उनके इस बयान से सियासी घमासान शुरू हो गया है।

नेताम ने RSS से क्या कहा?

नागपुर में RSS के शिविर में अरविंद नेताम ने कहा कि धर्मांतरण बस्तर की सबसे बड़ी समस्या है, जिसे कोई भी राज्य सरकार गंभीरता से नहीं ले रही। उन्होंने कहा, “सरकारें एक-दूसरे पर दोषारोपण करती हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होती। RSS इस दिशा में पहले से काम कर रहा है, और मैं चाहता हूं कि वे इस मुद्दे पर और तेजी से काम करें।” नेताम ने बस्तर में नक्सलवाद और धर्मांतरण को विकट स्थिति बताते हुए RSS और आदिवासी समाज से मिलकर काम करने की अपील की।

कांग्रेस और BJP में जुबानी जंग

नेताम के बयान पर छत्तीसगढ़ PCC अध्यक्ष दीपक बैज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “RSS कभी आदिवासियों का हित नहीं चाहता। नेताम की भाषा RSS के संपर्क में आने के बाद बदल गई है। RSS आदिवासियों के आरक्षण को खत्म करने की बात करता है। नेताम का बस्तर में RSS को बुलाना आदिवासियों के हित में नहीं है।” बैज ने कहा कि नेताम को जल, जंगल, जमीन और आदिवासियों के आरक्षण जैसे मुद्दे उठाने चाहिए थे।

इसके जवाब में छत्तीसगढ़ के मंत्री केदार कश्यप ने पलटवार करते हुए कहा, “दीपक बैज ने पांच साल तक बस्तर में चर्च खुलवाने में बिताए। जब कार्रवाई का समय था, तब वे चुप रहे। कांग्रेस अवैध धर्मांतरण का समर्थन करती थी।” कश्यप ने नेताम के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि RSS राष्ट्रीय भावनाओं के लिए काम करता है और अवैध धर्मांतरण रोकने की मांग सभी की है।

कौन हैं अरविंद नेताम?

अरविंद नेताम छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता और सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक हैं। वे चार बार सांसद रह चुके हैं और इंदिरा गांधी व नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे। 1996 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी, लेकिन 1998 में वापस लौटे। 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पीए संगमा का समर्थन करने पर उन्हें फिर कांग्रेस से निष्कासित किया गया। 2018 में वे दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए। नेताम बसपा, BJP और राकांपा के साथ भी काम कर चुके हैं। 2023 में उन्होंने ‘हमर राज पार्टी’ बनाई, जिसके वे प्रमुख हैं।

सियासी विवाद बढ़ने की आशंका

नेताम के बयान ने छत्तीसगढ़ की सियासत में नया मोड़ ला दिया है। जहां एक ओर RSS को समर्थन देने पर कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है, वहीं BJP ने इसे अवैध धर्मांतरण के खिलाफ उठाया गया कदम बताया। बस्तर में आदिवासी समाज और धर्मांतरण का मुद्दा अब सियासी बहस का केंद्र बन गया है।