- 18/07/2025
ED ने पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को किया गिरफ्तार, शराब घोटाला केस में बड़ी कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। चैतन्य को उनके भिलाई (दुर्ग जिला) स्थित आवास से हिरासत में लिया गया, जहां ED ने सुबह 6:30 बजे तीन गाड़ियों में पहुंचकर छापेमारी शुरू की थी। इस कार्रवाई के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों ने सुरक्षा घेरा बनाया था। संयोगवश, आज चैतन्य बघेल का जन्मदिन भी है।
ED ने यह कार्रवाई नए साक्ष्यों के आधार पर की, जिसमें चैतन्य को शराब घोटाले से प्राप्त अवैध आय का “प्राप्तकर्ता” माना गया है। जांच एजेंसी ने चैतन्य को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया, क्योंकि उनके द्वारा जांच में सहयोग न करने का आरोप है।
छापेमारी के समय पर सवाल
यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन हुई, जब भूपेश बघेल रायगढ़ जिले के तमनार में अडानी समूह के कोयला खदान प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाने वाले थे। बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठाना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।” उन्होंने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को दबाने की साजिश करार दिया।
कांग्रेस ने भी इस छापेमारी और गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने X पर लिखा, “आज फिर डबल इंजन ने विपक्ष का गला घोंटने का काम किया है।” कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई अडानी मुद्दे को दबाने के लिए की गई।
क्या है शराब घोटाले का मामला?
ED की जांच के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच, जब भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, एक संगठित शराब सिंडिकेट ने 2,161 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की। हाल ही में, आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने अपनी चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में इस राशि को बढ़ाकर 3,200 करोड़ रुपये बताया।
जांच में सामने आया कि इस घोटाले में शामिल लोग निम्नलिखित तरीकों से अवैध कमाई कर रहे थे:
- शराब खरीद में रिश्वत: छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम (CSMCL) द्वारा शराब खरीद में डिस्टिलर्स से प्रति केस कमीशन लिया जाता था।
- बिना रिकॉर्ड बिक्री: सरकारी दुकानों से बिना रिकॉर्ड के कच्ची देशी शराब बेची जाती थी, जिसका सारा पैसा सिंडिकेट के पास जाता था।
- कार्टेल गठन: डिस्टिलर्स को रिश्वत के बदले फिक्स मार्केट शेयर दिए जाते थे, जिससे वे कार्टेल बना सकें।
- FL-10A लाइसेंस: विदेशी शराब के कारोबार में एंट्री के लिए लाइसेंसधारकों से मोटी रकम वसूली जाती थी।
ED ने इस मामले में अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है। जांच में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
70 के खिलाफ FIR
2024 में सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित ED की पहली ECIR (FIR) को रद्द कर दिया था। इसके बाद, ED ने छत्तीसगढ़ EOW/एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) को नई FIR दर्ज करने के लिए कहा, जिसके आधार पर 17 जनवरी 2024 को 70 व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ नई FIR दर्ज की गई। इसमें कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड जैसे नाम शामिल हैं।
न टूटेगा, ना झुकेगा
भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ED पहले भी आई थी, 33 लाख रुपये मिले थे। हम पूरी तरह सहयोग करेंगे, क्योंकि हम लोकतंत्र और न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं। लेकिन BJP इसका दुरुपयोग कर रही है।” उन्होंने यह भी कहा, “भूपेश बघेल ना टूटेगा, ना झुकेगा।”
आगे क्या?
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और ED की इस कार्रवाई ने छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचा दी है। यह मामला अब और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि ED ने संकेत दिए हैं कि जांच में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस इसे केंद्र और राज्य की BJP सरकारों द्वारा विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति बता रही है।