- 27/09/2025
PM मोदी के नाम से छत्तीसगढ़ में जल रही मनोकामना ज्योति कलश, 19 वीं शताब्दी का है ये प्रसिद्ध मंदिर

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के झलमला में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मां गंगा मईया मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया गया है। एक श्रद्धालु ने पीएम के नाम पर यह ज्योति जलवाया है, लेकिन उसने अपना नाम गुप्त रखा है। मंदिर ट्रस्ट ने ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से दान स्वीकार किया और ज्योति कलश दाताओं की सूची में प्रधानमंत्री का नाम “प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी, नई दिल्ली” के रूप में दर्ज किया। यह कलश देश की उन्नति और PM की भलाई के लिए विशेष आराधना के रूप में स्थापित किया गया है।
नवनिर्मित ज्योत कक्ष में स्थापित A-71 कलश
मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक सोहनलाल टावरी ने बताया कि नवनिर्मित ज्योत कक्ष में क्रमांक A-71 का यह विशेष कलश स्थापित किया गया है। इस वर्ष कुल 1,255 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं, जिनमें PM मोदी के नाम का कलश भी शामिल है। ट्रस्ट ने दानदाता की गोपनीयता का सम्मान करते हुए केवल PM का नाम दर्ज किया। यह परंपरा मंदिर में लंबे समय से चली आ रही है, जहां भक्त अपनी मनोकामनाओं के लिए ज्योति कलश जलाते हैं।
मंदिर के ट्रस्टी पालक ठाकुर ने कहा, “दानदाता ने नाम गुप्त रखने का आग्रह किया है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि मां गंगा मईया की कृपा से यह ज्योत सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी, जिससे प्रधानमंत्री मोदी और समस्त देश की उन्नति हो।” यह कलश नवरात्रि के नौ दिनों तक प्रज्ज्वलित रहेगा, और भक्तों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।
मां गंगा मईया मंदिर: छत्तीसगढ़ की आस्था का प्रतीक
बालोद जिले के झलमला गांव में स्थित मां गंगा मईया मंदिर छत्तीसगढ़ का प्रमुख शक्तिपीठ है, जो दुर्ग-बालोद राष्ट्रीय राजमार्ग पर तांदुला नदी के तट पर बसा है। यह मंदिर लगभग 135 वर्ष पुराना है और ब्रिटिश शासन काल से जुड़ा हुआ है। किंवदंती के अनुसार, 19वीं शताब्दी के अंत में तांदुला नदी पर नहर निर्माण के दौरान एक मछुआरे के जाल में देवी गंगा की प्रतिमा फंस गई। मछुआरा उसे साधारण पत्थर समझकर पानी में डाल देता था, लेकिन प्रतिमा बार-बार जाल में आने लगी।
इसके बाद देवी ने गांव वालों को स्वप्न में दर्शन देकर मंदिर निर्माण का संकेत दिया। तब झलमला की आबादी मात्र 100 के आसपास थी, लेकिन मछुआरा और ग्रामीणों ने छोटी झोपड़ी बनाकर पूजा शुरू की। समय के साथ मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा, और आज यह भव्य स्वरूप में आस्था का केंद्र बन चुका है। मंदिर मां गंगा को समर्पित है, जो छत्तीसगढ़ का एकमात्र प्रमुख गंगा मंदिर माना जाता है। यहां नंगे पांव आने वाले भक्त मनोकामना ज्योति कलश जलाते हैं, और मान्यता है कि मां की कृपा से सभी विपत्तियां दूर हो जाती हैं।





