• 28/09/2025

रायपुर में एक और नक्सली गिरफ्तार, पूछताछ में मिली अहम जानकारियां, अब पूरा शहरी नेटवर्क ध्वस्त करने की तैयारी

रायपुर में एक और नक्सली गिरफ्तार, पूछताछ में मिली अहम जानकारियां, अब पूरा शहरी नेटवर्क ध्वस्त करने की तैयारी

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नक्सलियों के खिलाफ राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने एक और नक्सली रामा किचाम उर्फ रामा इच्छा को गिरफ्तार किया गया। रामा की गिरफ्तारी भाठागांव इलाके से हुई है। आरोपी के कब्जे से सोने के बिस्किट और नगदी राशि बरामद हुई है। यह गिरफ्तारी चार दिन पहले रायपुर में हुए नक्सली दंपति की गिरफ्तारी से जुड़ी बताई जा रही है, जिससे नक्सली संगठन के शहरी नेटवर्क पर नया खुलासा हो सकता है। फिलहाल, रामा को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की जा रही है।

नक्सली दंपति की गिरफ्तारी से बड़े खुलासे

दो दिन पहले, 23 सितंबर को एसआईए की टीम ने आंबेडकर अस्पताल में इलाज कराने आए बीजापुर जिले के एक नक्सली दंपति को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी जग्गू उर्फ रमेश कुरसम (28 वर्ष) और कमला कुरसम (27 वर्ष) पर कुल 13 लाख रुपये का इनाम था। दोनों पर प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओइस्ट) से जुड़े होने का आरोप है। जग्गू भैरमगढ़ डिविजनल कमेटी का सदस्य था, जो 2010 से सक्रिय है, जबकि कमला 2014 से एरिया कमेटी मेंबर के रूप में काम कर रही थी। दोनों मूल रूप से बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के सावनार गांव के निवासी हैं।

पुलिस के अनुसार, दंपति लंबे समय से पहचान छिपाकर रायपुर के डीडीनगर इलाके में किराए के मकान में रह रहा था। जग्गू ने मकान मालिक को फर्जी आधार कार्ड दिखाकर चंगोराभाठा क्षेत्र में रहना शुरू किया था। कमला के नक्सली लीडर के सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद वह डर के मारे छिपते-छिपाते रायपुर पहुंची थी। यहां वह अपना इलाज करा रही थी, जबकि जग्गू पथरी के इलाज के बहाने उसके साथ था। दोनों रायपुर, भिलाई और दुर्ग में मजदूर के रूप में छिपे हुए थे और नक्सल संगठन के लिए शहरी नेटवर्क विकसित करने, दवाइयां, आपूर्ति और खुफिया जानकारी जुटाने का काम कर रहे थे।

बरामद सामान से बढ़ी जांच की रफ्तार

गिरफ्तारी के दौरान दंपति के पास से 10 ग्राम का सोने का बिस्किट, 1.14 लाख रुपये नकद, दो एंड्रॉयड स्मार्टफोन, महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया गया। कॉल रिकॉर्ड्स की फोरेंसिक जांच से संदेह है कि वे वरिष्ठ नक्सली नेताओं के लिए लॉजिस्टिक्स और मेडिकल सपोर्ट का इंतजाम कर रहे थे। जग्गू ने रायपुर में सरकारी अधिकारियों और प्रमुख परिवारों के घरों में ड्राइवर व सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम कर खुफिया जानकारी इकट्ठा की थी। दोनों अंग्रेजी बोलने-लिखने में निपुण थे, जो उनके शहरी अभियानों को आसान बनाता था।

मंगलवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां कमला को न्यायिक हिरासत और जग्गू को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। एसआईए को संदेह है कि दंपति पिछले छह वर्षों से रायपुर में विभिन्न स्थानों पर रहकर नक्सली संगठन के शहरी ठिकाने स्थापित करने में जुटे थे।

नई गिरफ्तारी से नक्सली फंडिंग नेटवर्क पर असर

नवीनतम गिरफ्तारी में पकड़े गए रामा इच्छा को नक्सली फंडिंग से जुड़ा मजदूर बताया जा रहा है। वह रायपुर के नक्सली दंपति से संपर्क में था और संगठन को आर्थिक सहायता पहुंचाने का काम कर रहा था। एसआईए की टीम ने कोरबा जिले में भी इस नेटवर्क की पड़ताल तेज कर दी है। बरामद सोने के बिस्किट और नकदी से फंडिंग के स्रोतों का पता लगाने की कोशिश हो रही है।

भविष्य में और खुलासे संभव

पूछताछ में अब तक मिली जानकारी के आधार पर एसआईए का मानना है कि रायपुर नक्सलियों का प्रमुख शहरी आश्रय स्थल बन चुका है। दंपति की गिरफ्तारी से संगठन के शहरी नेटवर्क पर गहरा प्रहार हुआ है, और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।