• 15/10/2025

हाईकोर्ट ने CGPSC भर्ती घोटाले पर राज्य सरकार को लगाई कड़ी फटकार, उम्मीदवारों की स्थिति पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट 

हाईकोर्ट ने CGPSC भर्ती घोटाले पर राज्य सरकार को लगाई कड़ी फटकार, उम्मीदवारों की स्थिति पर मांगी स्टेटस रिपोर्ट 

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2021 भर्ती परीक्षा से जुड़े घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने मंगलवार (14 अक्टूबर) को हुई सुनवाई में राज्य सरकार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को अन्य उम्मीदवारों और आयोग के अधिकारियों की भूमिका पर विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि पीएससी द्वारा चयनित उम्मीदवार आज भी अनिश्चितता की स्थिति में लटके हुए हैं, जबकि जांच प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है।

सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई

यह मामला CGPSC 2021 भर्ती में हुई कथित गड़बड़ी से जुड़ा है। सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में अपील दायर की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट में खुलासा हुआ कि परीक्षा नियंत्रक को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है। इस पर हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि गिरफ्तारी के बावजूद जांच क्यों अधर में लटकी हुई है? साथ ही, 37 चयनित उम्मीदवारों को चयन के बाद भी नियुक्ति पत्र क्यों नहीं मिले, जिससे वे अनिश्चितता का शिकार बने हुए हैं?

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक निर्दोष उम्मीदवारों को लटकाए रखना उचित नहीं है। राज्य सरकार ने बताया कि अंतिम समय में पेपर लीक की घटना हुई थी, जिस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में परीक्षा रद्द करने पर पुनर्विचार क्यों नहीं किया गया? डिवीजन बेंच ने संबंधित सभी अपीलों को एक साथ सुनवाई के लिए लिस्ट करने का आदेश दिया है।

CBI जांच में देरी पर नाराजगी, 17 उम्मीदवारों की भूमिका पर फोकस

चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच के समक्ष CBI ने बताया कि वर्तमान में 17 उम्मीदवारों की भूमिका की जांच चल रही है, जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि रिपोर्ट में 41 नाम शामिल थे, लेकिन अब केवल 17 पर जांच—बाकी का क्या हुआ? कोर्ट ने राज्य सरकार और CBI को निम्नलिखित बिंदुओं पर स्पष्ट जानकारी देने को कहा:

  •  किन-किन उम्मीदवारों के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई है।
  •  कितने उम्मीदवारों पर जांच अभी लंबित है।
  •  आयोग के कौन-कौन से अधिकारी जांच के दायरे में हैं।
  •  अन्य उम्मीदवारों और पीएससी अधिकारियों की भूमिका की जांच कहां तक पहुंची है।

घोटाले में अब तक 12 गिरफ्तारियां, प्रमुख आरोपी जेल में

इस घोटाले में अब तक कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। प्रमुख घटनाक्रम इस प्रकार हैं:

18 नवंबर 2024: CBI ने तत्कालीन CGPSC अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया।

10 जनवरी 2025: पांच और आरोपियों को हिरासत में लिया गया, जिनमें नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष का भतीजा, डिप्टी कलेक्टर चयनित), ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक), शशांक गोयल, भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर चयनित) और साहिल सोनवानी (डीएसपी चयनित) शामिल हैं। ये सभी फिलहाल जेल में बंद हैं।

CBI की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने दिशा-निर्देशों में बदलाव कर ‘रिलेटिव’ शब्द को ‘फैमिली’ से प्रतिस्थापित किया, ताकि उनके भतीजों को चयन में आसानी हो। साथ ही, प्रीलिम्स और मेन्स के प्रश्नपत्र उनके भतीजों के साथ साझा किए गए थे।

CGPSC घोटाला: पृष्ठभूमि और प्रभाव

यह घोटाला 2020 से 2022 के बीच हुई भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा है। आरोप है कि आयोग की परीक्षाओं और इंटरव्यू में पारदर्शिता की अनदेखी कर राजनीतिक, प्रशासनिक और रसूखदार परिवारों के उम्मीदवारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य राजपत्रित पदों पर चयनित किया गया। योग्य अभ्यर्थियों को दरकिनार कर नजदीकी लोगों को फायदा पहुंचाने का खेल चला।

प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच CBI को सौंपी, जिसने छापेमारी में कई दस्तावेज और आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए। 16 जनवरी 2025 को CBI ने सात लोगों के खिलाफ 465 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 40 गवाहों के बयान शामिल हैं।

भर्ती प्रक्रिया का विवरण

CGPSC ने 2021 में 171 पदों (20 श्रेणियों) के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की थी:

  • प्री-एग्जाम: 13 फरवरी 2022 को, जिसमें 1,29,206 उम्मीदवार शामिल हुए। 2,565 पास हुए।
  • मेन्स परीक्षा: 26-29 मई 2022 को, जिसमें 509 उम्मीदवार पास हुए।
  • इंटरव्यू के बाद: 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी।