- 13/11/2024
Breaking: राजद्रोह सहित सभी FIR रद्द, हाईकोर्ट से IPS जीपी सिंह को बड़ी राहत
राजद्रोह, ब्लैकमेलिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे आईपीएस जीपी सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने जीपी सिंह के खिलाफ दर्ज तीनों मामलों की एफआईआर को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने जीपी सिंह की याचिका पर फैसला सुनाया।
आपको बता दें जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों को रद्द करने की मांग की थी। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि तत्कालीन सरकार ने उन्हें राजनीतिक षड़यंत्र के तहत फंसाया था। उनके खिलाफ किसी भी मामले में कोई भी साक्ष्य नहीं है।
कोर्ट ने भी माना कि उनके खिलाफ आईपीएस को परेशान करने के लिए झूठे मामले में फंसाया गया है। उनके खिलाफ किसी भी मामले में कोई भी ठोस सबूत नहीं है। लिहाजा सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने जीपी सिंह के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को रद्द कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें 1 जुलाई 2021 की अल सुबह एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) की टीम ने जीपी सिंह और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। तकरीबन 64 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद 10 करोड़ की चल अचल संपत्ति का भी खुलासा किया गया था। छापे के दौरान एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू की टीम ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद होने का दावा किया था।
बरामद दस्तावेज के आधार पर रायपुर पुलिस ने IPS जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े हुए अपराध भी दर्ज किए गए थे। इन आरोपों के तहत जीपी सिंह को जेल भी जाना पड़ा था। बाद में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
वहीं एक अन्य मामले में साल 2015 में दुर्ग निवासी कमल सेन और बिल्डर सिंघानिया के बीच व्यावसायिक लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था। सिंघानिया ने कमल सेन के खिलाफ खिलाफ केस दर्ज करा दिया। आरोप है कि मामले का जल्दी चालान पेश करने और धाराएं कम करने के एवज में जीपी सिंह ने कमल सेन से 20 लाख रुपये वसूले। इसके साथ ही आईपीएस अफसर पर धमकाने का भी आरोप लगाया।
कमल सेन ने दावा किया था कि उस वक्त उन्होंने इसकी शिकायत की लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 6 साल बाद उन्होंने भिलाई स्थित सुपेला थाना में जीपी सिंह के खिलाफ भयादोहन का अपराध दर्ज कराया था।