• 30/05/2025

जेल की सलाखों के पीछे बीतेगी हत्यारों की सारी उम्र, अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों को उम्रकैद की सजा, ‘एक्सट्रा सर्विस’ देने से किया था इंकार

जेल की सलाखों के पीछे बीतेगी हत्यारों की सारी उम्र, अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपियों को उम्रकैद की सजा, ‘एक्सट्रा सर्विस’ देने से किया था इंकार

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कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 30 मई 2025 को उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों—पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर, और अंकित गुप्ता—को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। पुलकित आर्य, जो तत्कालीन बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है, को IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़), और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम (ITPA) की धारा 3(1)(d) के तहत दोषी पाया गया। सह-अभियुक्त सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी धारा 302, 201 और ITPA की धारा 3(1)(d) के तहत उम्रकैद की सजा दी गई। कोर्ट ने पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजे का भी ऐलान किया।

देशभर में मचा था हड़कंप

2022 में सामने आए इस हत्याकांड ने उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक सनसनी मचा दी थी। पूरे देश की नजर इस मामले पर थी। सरकार ने जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया था, जिसने 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की। इसमें 97 गवाह नामित किए गए थे, जिनमें से अभियोजन पक्ष ने 47 प्रमुख गवाहों को कोर्ट में पेश किया। दो साल आठ महीने की सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

2022 में हुई थी हत्या

पौड़ी जिले के यमकेश्वर की 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के नजदीक वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थीं। 18 सितंबर 2022 को वह अचानक गायब हो गईं, और 24 सितंबर को उनका शव चीला पावर हाउस की नहर से बरामद हुआ। जांच में पता चला कि रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने अपने कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी।

हत्या का कारण

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पुलकित आर्य ने अंकिता पर एक ‘वीआईपी’ अतिथि को ‘विशेष सेवा’ देने का दबाव बनाया था, जिसे अंकिता ने साफ तौर पर अस्वीकार कर दिया। इसी विवाद के चलते उनकी हत्या की गई। मामले के उजागर होने पर बीजेपी ने पुलकित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।