• 03/12/2023

‘जातिवादी राजनीति’ को जनता ने नकारा, छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में कांग्रेस की हार, पढ़िए

‘जातिवादी राजनीति’ को जनता ने नकारा, छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में कांग्रेस की हार, पढ़िए

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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को करारी मात दी है। सभी एक्जिट पोल के नतीजे को धता बताते हुए सबसे चौंकाने वाला नतीजा छत्तीसगढ़ का रहा। यहां भी मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा।

डिप्टी सीएम सहित 9 मंत्रियों की हार

छत्तीसगढ़ में डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सहित 9 दिग्गज मंत्रियों की करारी हार हुई। भूपेश मंत्रीमंडल में शामिल तीन मंत्री अनिला भेड़िया, कवासी लखमा और उमेश पटेल ही अपनी सीट बचा पाए। छत्तीसगढ़ में 90 सीटों में से बीजेपी 55 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत के साथ अपनी सरकार बना रही है। वहीं कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई।

वहीं मध्य प्रदेश में 230 सीटों में से 167 सीटें हासिल कर बीजेपी सत्ता को बचाने में कामयाब रही। वहीं कांग्रेस को 62 और अन्य को 1 सीट हासिल हुई।

इधर राजस्थान में रिवाज कायम रहा। यहां बीजेपी ने सत्तारुढ़ दल कांग्रेस को पटकनी दे दी। बीजेपी को 114 सीटें, कांग्रेस को 71 और अन्य को 14 सीटे हासिल हुई।

उधर तेलंगाना में सत्तारुढ़ दल बीआरएस को सत्ता से बेदखल करने में कांग्रेस कामयाब हुई। यहां 119 सीटों में कांग्रेस गठबंधन को 66 सीटें, बीआरएस को 37, बीजेपी गठबंधन को 9 और एआईएमआईएम को 7 सीटें हासिल हुई।

लुभावने वादे भी काम नहीं आए

कांग्रेस ने इस विधानसभा में जमकर लुभावने वादे किए थे। कांग्रेस ने महिलाओं को सालाना एकमुश्त रकम, छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी, सिलेंडर में 500 रुपये की सब्सिडी, धान का समर्थन मूल्य सहित कई वादे किए थे। उसके बावजूद कांग्रेस को तीनों राज्यों में हार का मुंह देखना पड़ा।

तो इसलिए हुई कांग्रेस की हार

राजस्थान के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ने अपनी सत्ता गंवा दी। यहां तक कि शिवराज सरकार के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी को भी कांग्रेस भुना नहीं पाई। कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में तीनों राज्यों में ‘जाति’ कार्ड खेला। जनता ने कांग्रेस के इस जाति कार्ड के खिलाफ अपना जनादेश दिया। सामान्य जाति (सवर्णों) सहित आदिवासी और दलितों ने भी कांग्रेस के जाति कार्ड के खिलाफ बीजेपी को वोट किया।

राहुल गांधी ने अपनी हर जनसभा में ओबीसी को मुद्दा बनाया। उन्होंने कहा था कि केन्द्र के 90 सचिवों में से 3 ही ओबीसी समुदाय से आते हैं। उन्होंने राज्यों में सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराने का वादा किया था।

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबी को हथियार बनाते हुए राहुल गांधी की जातिवादी राजनीति की काट करने में कामयाब हुए। पीएम मोदी ने अपनी हर जनसभा में गरीबी को ही सबसे बड़ी जाति बताया था। उन्होंने कहा था कि अगर गरीब का भला हो गया तो देश का भला हो जाएगा।

इसके साथ ही बीजेपी ने कांगस शासित राज्यों में भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, लॉ एंड ऑर्डर को भी मुद्दा बनाया था। छत्तीसगढ़ में पीएससी सहित भर्तियों में घोटाला, ऑनलाइन सट्टा महादेव बुक घोटाला, शराब घोटाले जैसे मुद्दों पर कांग्रेस को जमकर घेरा था।