• 09/03/2024

सट्टेबाजी ऐप महादेव बुक का पैसा शेयर बाजार में होता था निवेश, 1190 करोड़ का पोर्टफोलियो, शेयर मार्केट में भी करते थे हेरफेर

सट्टेबाजी ऐप महादेव बुक का पैसा शेयर बाजार में होता था निवेश, 1190 करोड़ का पोर्टफोलियो, शेयर मार्केट में भी करते थे हेरफेर

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ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप महादेव बुक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच जारी है। इसी बीच ईडी ने प्रेस रिलीज कर बड़ा खुलासा किया है। ईडी के मुताबिक सट्टेबाजी से प्राप्त अवैध रकम को शेयर मार्केट में निवेश कर वैध बनाया जा रहा था। 29 फरवरी 2024 तक भारतीय और विदेशी कंपनियों का कुल स्टॉक पोर्टफोलियो तकरीबन 1190 करोड़ रुपये पाया गया।

ईडी के मुताबिक कोलकता से गिरफ्तार सूरज चोखानी और भोपाल से गिरफ्तार गिरीश तलरेजा ने ईडी रिमांड में पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। केन्द्रीय जांच एजेंसी महादेव और उसकी सहयोगी बैटिंग कंपनियों की जांच कर रही है। इसमें इन दोनों आरोपियों के अलावा 9 और आरोपियों को पकड़ा गया है।

शेयर बाजार में हेरफेर में शामिल

ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि हरि शंकर टिबरेवाल ने सट्टेबाजी वेबसाइट “स्काईएक्सचेंज” के लिए अवैध सट्टेबाजी संचालन में महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के साथ भी साझेदारी की थी। हरि शंकर टिबरेवाल ने भारत और भारत के बाहर संचालित कई कंपनियों के माध्यम से सट्टेबाजी संचालन से उत्पन्न अपराध की आय को वैध बनाया था। हरि शंकर टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर निवेश की आड़ में अपराध की आय को वैध बनाने और छिपाने के लिए सूरज चोखानी का इस्तेमाल किया।

कोलकाता में तलाशी से यह भी पता चला कि हरि शंकर टिबरेवाल सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटरों के साथ मिलकर शेयर बाजार में हेरफेर में भी शामिल थे। हरि शंकर टिबरेवाल,अपनी विशाल पूंजी का उपयोग करके, शेयर की कीमतों में अस्थायी उतार-चढ़ाव लाते थे और मार्केट को ऊपर की तरफ ले जाते थे और फिर मनमाना पैसा मिलने के बाद पैसा निकाल लेते थे।

आय को वैध बनाने में तलरेजा की भूमिका

ईडी की जांच से पता चला कि गिरीश तलरेजा की “लोटस365” के संचालन में हिस्सेदारी है, जो महादेव ऑनलाइन बुक की सहयोगी कंपनी है जिसे पुणे स्थित ब्रॉन्च से संचालित किया जा रहा था। वह लोटस365 के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर का पार्टनर है। जांच में यह पता चला कि इस ब्रॉन्च द्वारा प्रति माह लगभग 50 करोड़ रुपये की सट्टेबाजी नकदी का प्रबंधन किया जा रहा था। गिरीश तलरेजा को इस ब्रॉन्च के “कैश हैंडलिंग व्हाट्सएप ग्रुप” के सदस्यों में से एक पाया गया और तलाशी के दौरान 1 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए।

ईडी के मुताबिक 4 मार्च को महादेव सट्टा ऐप को लेकर गोवा में भी तलाशी ली गई थी। यहां एक प्रमुख पैनल संचालक को लेकर खोज की गई थी। यह पैनल संचालक एक और सट्टेबाजी बुक के लांच के लिए गोवा में था। इसके अलावा पैनल संचालक के कब्जे से 48 लाख रुपये नकद मिले। इस मामले में, तलाशी के दौरान चल संपत्ति कुल 1764.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं