- 24/12/2024
नाड़ी देखकर असाध्य बीमारियों का लगा लेते हैं पता, इलाज के लिए विदेश से भी आने लगे मरीज, आयुर्वेद की अलख जगाने वाले नाड़ी वैद्य बिरेंद्र देशमुख का डिप्टी सीएम अरुण साव ने किया सम्मान


उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रदेश के ख्याति प्राप्त नाड़ी वैद्य और समाजसेवी बिरेंद्र देशमुख का सम्मान किया है। दुर्ग के रोमन पार्क होटल में आयोजित एक मेगा कॉन्क्लेव कार्यक्र में नाड़ी एवं आयुर्वेद क्षेत्र में उन्हें सम्मानित किया गया। उनके अलावा विभिन्न चिकित्सा के अलग-अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले दो अन्य चिकित्सकों का सम्मान किया गया है।
आपको बता दें बालोद जिले के अर्जुंदा क्षेत्र के ग्राम भेड़ी के रहने वाले बिरेंद्र देशमुख तकरीबन 22 वर्षों से नाड़ी देखकर जड़ी-बूटियों द्वारा उपचार करते हैं। उन्होंने कई ऐसी बीमारियों का सफल इलाज किया है, जिनके लिए डॉक्टरों द्वारा मरीजों को शल्य चिकित्सा (ऑपरेशन) की सलाह दी गई थी।
नाड़ी देखकर बीमारी का लगा लेते हैं पता
एलोपैथी डॉक्टरों द्वारा मरीजों की बीमारियों का पता लगाने के लिए महंगे-महंगे टेस्ट लिखा जाता है, ऐसे टेस्ट कराने में निम्न और मध्यमवर्गीय लोगों की जेबों पर काफी भार पड़ता है। लेकिन बिरेंद्र देशमुख मात्र नाड़ी देखकर सभी रोगों की सटीक पहचान कर लेते हैं। न सिर्फ वो नाड़ी देखकर बीमारियों का पता लगा लेते हैं। अपितु जड़ी-बूटी से तैयार आयुर्वेद दवाइयां देकर उन्होंने कई ऐसे जटिल और असाध्य बीमारियों का इलाज किया है, जिन्हें एलोपैथी में लाइलाज बीमारी कहा जाता है, या फिर जिनका एलोपैथी में इलाज नहीं है।
उनके द्वारा गंभीर और लाइलाज बीमारियों का कुछ ही महीनों में सफल इलाज करने की वजह से उनकी ख्याति प्रदेश के अलावा देश और विदेशों में भी फैल गई है। जिसकी वजह से देश के अलग-अलग राज्यों के अलावा अब विदेश में रहने वाले लोग भी इलाज के लिए उनके पास आने लगे हैं।
समाजसेवा में भी अग्रणी
बिरेंद्र देशमुख समाजसेवा के कार्यों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को वो निशुल्क आयुर्वेदिक दवाईयां प्रदान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई स्कूलों में भवन निर्माण कार्य कराने के साथ ही जीर्णोद्धार कराया है। उनका कहना है कि देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा और चिकित्सा मिलनी चाहिए।