- 07/04/2025
ब्लैक मंडे: शेयर बाजार में हाहाकार, मिनटों में निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपये स्वाहा


सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के लिए एक काला दिन साबित हुआ। सोमवार को बाजार खुलते ही भारी गिरावट का दौर शुरू हो गया, जिसने निवेशकों को स्तब्ध कर दिया। कुछ ही मिनटों में सेंसेक्स में 3900 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी भी 1100 से अधिक अंकों तक लुढ़क गया। इस सुनामी जैसी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब 19 लाख करोड़ रुपये डूब गए, जिसने बाजार में हाहाकार मचा दिया।
गिरावट के पीछे क्या कारण?
इस ऐतिहासिक गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में मची उथल-पुथल को माना जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ ऐलानों ने वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं को हवा दी, जिसका असर एशियाई और भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली और कमजोर वैश्विक संकेतों ने बाजार के सेंटीमेंट को और कमजोर कर दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी बाजारों में भी भारी गिरावट की चेतावनी पहले से दी जा रही थी, जो आज सच साबित हुई।
बाजार का हाल
सुबह 9:15 बजे बाजार खुलते ही सेंसेक्स 3914 अंकों की गिरावट के साथ 71,449 के स्तर पर आ गया, जबकि निफ्टी 1146 अंकों के नुकसान के साथ 21,758 पर खुला। दोपहर तक सेंसेक्स 2831 अंकों की गिरावट के साथ 72,533 पर कारोबार कर रहा था। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन, जो शुक्रवार को 4,03,41,043 करोड़ रुपये था, सोमवार को घटकर 3,83,95,173 करोड़ रुपये पर आ गया। इस तरह चंद मिनटों में निवेशकों की संपत्ति में 19.45 लाख करोड़ रुपये की कमी आ गई।
निवेशकों में दहशत
इस अप्रत्याशित गिरावट ने निवेशकों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया। छोटे और मझोले निवेशकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 5% से अधिक की गिरावट देखी गई। ट्रेंट जैसे शेयरों में 18% तक की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अन्य कई कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली हुई। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह गिरावट 1987 के ब्लैक मंडे की याद दिलाती है, जब वैश्विक शेयर बाजारों में ऐसी ही तबाही मची थी।
आगे क्या?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, और आने वाले दिनों में वैश्विक संकेतों पर नजर रहेगी। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें और बाजार के स्थिर होने का इंतजार करें।