- 06/05/2025
ब्लैकआउट मॉकड्रिल: कल कहां-कहां होगी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल, छत्तीसगढ़ के इस शहर सहित देश के 244 जिलों में सायरन बजने से लेकर ब्लैकआउट तक, देखिए पूरी लिस्ट


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते त碼नाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में सिविल डिफेंस तैयारियों को परखने का फैसला किया है। इसके तहत 7 मई 2025 को 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स में युद्ध जैसी आपात स्थितियों के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में युद्ध सायरन बजाए जाएंगे। देश में ऐसी मॉक ड्रिल आखिरी बार 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हुई थी, यानी 54 साल बाद यह अभ्यास दोहराया जा रहा है। जिन शहरों में ये मॉकड्रिल की जाएगी उनमें छत्तीसगढ़ से केवल दुर्ग-भिलाई का नाम है।
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स क्या हैं?
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स वे क्षेत्र हैं, जहां भारत सरकार सिविल डिफेंस प्रोग्राम लागू करती है। ये जिले युद्ध, हवाई हमले, मिसाइल हमले या बड़े आतंकी हमलों जैसी आपात स्थितियों में प्रशासनिक और ऑपरेशनल केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। इनका मुख्य कार्य नागरिकों और स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करना, ब्लैकआउट और निकासी (इवेक्यूएशन) अभ्यास करना, जन जागरूकता अभियान चलाना और होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस, पुलिस व स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करना है। ये जिले सिविल डिफेंस नियम, 1968 के तहत चिह्नित किए गए हैं।
सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स का चयन कैसे होता है?
इन जिलों का चयन उनकी संवेदनशीलता और रणनीतिक महत्व के आधार पर किया जाता है। चयन के प्रमुख मानदंड हैं:
- अंतरराष्ट्रीय सीमा से निकटता: पंजाब, राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों के जिले, जो फ्रंटलाइन क्षेत्रों में आते हैं।
- महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा: बिजली ग्रिड, परमाणु संयंत्र, रिफाइनरियां, बंदरगाह और संचार नेटवर्क वाले क्षेत्र।
- उच्च जनसंख्या घनत्व: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे बड़े शहरी केंद्र, जो हमलों के संभावित लक्ष्य हो सकते हैं।
- तटीय क्षेत्र: समुद्री खतरों की आशंका वाले जिले।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स बनाए हैं। उत्तर प्रदेश में 19 जिले शामिल हैं, जिनमें लखनऊ, कानपुर, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले और बक्शी-का-तालाब (लखनऊ) व सरवासा (सहारनपुर) जैसे क्षेत्र, जहां वायुसेना स्टेशन मौजूद हैं।
मॉक ड्रिल में क्या होगा?
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होंगी:
- युद्ध सायरन का परीक्षण: हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन की जांच।
- ब्लैकआउट अभ्यास: रात में बिजली बंद कर हवाई हमलों से बचाव का अनुकरण।
- निकासी और प्रशिक्षण: नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण।
- आश्रयों की तैयारी: बंकर और खाइयों को उपयोग के लिए तैयार करना।
- संचार जांच: वायुसेना और स्थानीय प्रशासन के बीच संचार नेटवर्क का परीक्षण।
नागरिकों के लिए तैयारी और सलाह
- जरूरी सामान तैयार रखें: पानी, टॉर्च, मोमबत्ती, प्राथमिक चिकित्सा किट और बुनियादी दवाएं।
- आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा: रेडियो, टीवी या सरकारी वेबसाइट्स से जानकारी लें, अफवाहों से बचें।
- निर्देशों का पालन: पुलिस, सिविल डिफेंस कर्मियों या स्वयंसेवकों के निर्देश मानें।
- घबराएं नहीं: यह केवल अभ्यास है, शांत रहें और सहयोग करें।