- 04/07/2025
केंद्र की नई सोशल मीडिया नीति: देश विरोधी कंटेंट पर सख्त कार्रवाई, विशेष निगरानी टीम गठित


केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर देश विरोधी सामग्री और नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। गृह मंत्रालय जल्द ही एक नई राष्ट्रीय नीति लागू करने की तैयारी में है, जिसके तहत भारत विरोधी वीडियो, पोस्ट और अन्य सामग्री को ब्लॉक किया जाएगा और ऐसे कंटेंट को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
विशेष निगरानी टीम का गठन
गृह मंत्रालय की संसदीय समिति को इंटेलिजेंस एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी है कि देश विरोधी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष निगरानी टीम गठित की जाएगी। इस टीम में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA), राज्य पुलिस और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियां शामिल होंगी। यह टीम सोशल मीडिया और वेबसाइट्स पर भारत विरोधी प्रचार, भ्रामक सामग्री और देश की एकता व सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले कंटेंट की बारीकी से निगरानी करेगी।
खालिस्तानी तत्वों पर विशेष फोकस
खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर नफरत और देश विरोधी प्रचार फैलाने की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नई नीति के लागू होने के बाद ऐसे तत्वों पर प्रभावी अंकुश लगाने की योजना है। गृह मंत्रालय ने राज्यों, खासकर पाकिस्तान और नेपाल की सीमा से सटे क्षेत्रों, को निर्देश दिए हैं कि वे सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी प्रचार पर कड़ी निगरानी रखें।
सोशल मीडिया कंपनियों से बातचीत
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से भी सक्रिय सहयोग मांगा है। गृह मंत्रालय ने इन कंपनियों के साथ चर्चा शुरू की है, ताकि वे अपने प्लेटफॉर्म पर भारत विरोधी सामग्री को अपलोड होने से रोकें। इसके लिए अमेरिकी सरकार और प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ भी बातचीत चल रही है। सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी ओर से निगरानी बढ़ानी होगी ताकि देश विरोधी तत्वों को उनके मंच का दुरुपयोग करने से रोका जा सके।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद कार्रवाई
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सोशल मीडिया पर कई देश विरोधी पोस्ट और भ्रामक सामग्री शेयर की गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की थी, जो राष्ट्रविरोधी सामग्री फैला रहे थे। गृह मंत्रालय ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को और मजबूत करने का निर्देश दिया है ताकि साइबर अपराधों और डिजिटल प्रचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान
नई नीति के तहत देश विरोधी सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें अकाउंट्स को ब्लॉक करने से लेकर आपराधिक मुकदमे तक शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में लागू सोशल मीडिया नीति के तहत राष्ट्रविरोधी कंटेंट के लिए तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है, जो केंद्र की नीति में भी शामिल हो सकता है।
सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाली सामग्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि भारत विरोधी तत्व सोशल मीडिया का उपयोग दुष्प्रचार और भ्रामक नैरेटिव फैलाने के लिए कर रहे हैं। सरकार की इस नीति का उद्देश्य डिजिटल स्पेस में ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
पिछली घटनाओं से सबक
पहलगाम आतंकी हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने बीबीसी को पत्र लिखकर उनकी रिपोर्टिंग पर आपत्ति जताई थी। इसके अलावा, 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर भारत विरोधी भड़काऊ सामग्री के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार ने कारगिल युद्ध और मुंबई हमले जैसी घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।