• 11/11/2022

CG Coal Gate : सूर्यकांत तिवारी और IAS समीर विश्नोई सहित चारों आरोपियों को जेल, 23 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

CG Coal Gate : सूर्यकांत तिवारी और IAS समीर विश्नोई सहित चारों आरोपियों को जेल, 23 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

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छत्तीसगढ़ कोल गेट मामले में चारों आरोपियों निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल की ज्यूडिशियल कस्टडी बढ़ गई है। 3 घंटे तक चली सुनवाई के बाद ईडी की विशेष कोर्ट ने चारों आरोपियों को 12 दिन की न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है। चारों आरोपियों को अब 23 नवंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

इससे पहले सभी आरोपियों को जेल से कोर्ट लाया गया। जहां उन्हें न्यायालय के सामने पेश किया गया। ईडी ने 29 अक्टूबर को सूर्यकांत तिवारी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। जिसके बाद उसे गुरुवार को अदालत में पेश किया गया था। सूर्यकांत तिवारी के अलावा समीर विश्नोई सहित तीनों आरोपियों की भी ज्यूडिशियल रिमांड खत्म होने पर उन्हें न्यायालय के सामने पेश किया गया था। जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें 1 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।

आपको बता दें ED की टीम ने छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर को सूर्यकांत तिवारी, उनके रिश्तेदारों, IAS अफसरों समीर विश्नोई, जेपी मौर्य, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू सहित अन्य कारोबारियों के ठिकानों पर छापामारी की थी। ईडी ने IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत तिवारी के रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। ईडी ने आरोपियों के पास से 6.5 करोड़ से ज्यादा नगदी, सोना और हीरा इत्यादि मिलने का खुलासा किया था।

11 अक्टूबर को ईडी की टीम के पहुंचने से पहले ही सूर्यकांत तिवारी फरार हो गया था। उसके अलावा एक और आईएएस अफसर रानू साहू अपने सरकारी आवास से गायब मिली थी। ईडी ने उनके आवास को सील कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने भी सरेंडर कर दिया था।

छत्तीसगढ़ में बड़े कोल घोटाले का खुलासा

ईडी ने छत्तीसगढ़ में बड़े कोल घोटाले का खुलासा किया था। ईडी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि कोयला कारोबारियों, राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों और दलालों ने एक कार्टेल बनाकर पूरे घोटाले को अंजाम दिया। जिसका सरगना सूर्यकांत तिवारी है। जिसके माध्यम से कोयले में प्रति टन 25 रुपये की लेव्ही (अवैध वसूली) की जा रही थी। ईडी ने इस पूरे मामले में राज्य के कई अधिकारियों की भूमिकाओं पर सवाल उठाया है। वहीं इस मामले में कई बड़े अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में हैं।