• 13/10/2025

औषधीय खेती, बांस से आजीविका, तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभ; कलेक्टर-डीएफओ कॉन्फ्रेंस में CM साय ने खींच दी वन से विकास की लकीर, पढ़िए पूरी खबर

औषधीय खेती, बांस से आजीविका, तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभ; कलेक्टर-डीएफओ कॉन्फ्रेंस में CM साय ने खींच दी वन से विकास की लकीर, पढ़िए पूरी खबर

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में कलेक्टर्स और वन मंडलाधिकारियों (डीएफओ) की उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई। इस दौरान वन विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की गई। बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही श्रीनिवास राव, कलेक्टर, वन मंडलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभ और पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को वनों से आजीविका के तहत लाभान्वित करने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि तेंदूपत्ता का भुगतान 7 से 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए और संग्राहकों को भुगतान की जानकारी उनके मोबाइल पर SMS के माध्यम से भेजी जाए। वर्तमान में लगभग 15.60 लाख संग्राहकों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की गई है। सभी भुगतान बैंक खातों के माध्यम से करने और तेंदूपत्ता संग्रहण की पूरी प्रक्रिया को कंप्यूटरीकृत करने की पहल करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जिलों में पिछले सीजन के तेंदूपत्ता संग्रहण की समीक्षा की गई और आगामी सीजन के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया।

लघु वनोपज और औषधीय खेती को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने लघु वनोपज को वनांचल क्षेत्रों में आजीविका का महत्वपूर्ण साधन बनाने पर बल दिया। लघु वनोपज आधारित स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन, वन धन केंद्रों को मजबूत करने और छत्तीसगढ़ हर्बल व संजीवनी उत्पादों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। इन उत्पादों की ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बिक्री बढ़ाने और जैविक प्रमाणीकरण को तेज करने की बात कही गई। धमतरी, मुंगेली और जीपीएम जिलों में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए गए। औषधीय पादप बोर्ड के सीईओ ने इस क्षेत्र में आजीविका बढ़ाने की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, कृषि और उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले की सहायता से प्रचार-प्रसार गतिविधियां बढ़ाने को कहा गया।

बांस आधारित आजीविका और शिल्प को प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने 3.71 लाख हेक्टेयर बांस वन क्षेत्र का लाभ उठाने के लिए बाजार में उच्च कीमत वाली बांस प्रजातियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। विशेष पिछड़ी जनजातियों की आय का मुख्य साधन बांस और इससे बने उत्पादों को बताया गया। राज्य में 28 बांस प्रसंस्करण केंद्रों को सक्रिय करने और बांस शिल्पकारों को बाजार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई।

‘एक पेड़ मां के नाम’ और इकोटूरिज्म

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पिछले दो वर्षों में 6 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। माइक्रो अर्बन फॉरेस्ट वृक्षारोपण की शुरुआत भी की गई। मुख्यमंत्री ने इकोटूरिज्म को आजीविका का बड़ा साधन बताते हुए कहा कि राज्य के 240 नैसर्गिक पर्यटन केंद्रों से लगभग 2,000 परिवारों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। इन केंद्रों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया।

मानव-हाथी संघर्ष पर नियंत्रण के लिए ‘गज संकेत’ ऐप

मुख्यमंत्री ने मानव-हाथी संघर्ष से होने वाले जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए ‘गज संकेत’ ऐप की सराहना की। इस ऐप के जरिए वास्तविक समय में हाथियों की ट्रैकिंग की जा रही है, जो कम नेटवर्क वाले क्षेत्रों में भी प्रभावी है। क्षेत्रीय भाषाओं में ग्रामीणों को जागरूकता और शिक्षा प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ में इसकी सफलता के बाद 6 अन्य राज्यों में भी इसका उपयोग शुरू हुआ है। वर्तमान में यह ऐप 14 वन मंडलों में लागू है और एक महीने में सभी वन मंडलों में लागू होगा।

कानून-व्यवस्था और आजीविका पर सशक्त कदम

मुख्यमंत्री ने वन विभाग को ग्रामीण और जनजातीय समुदायों की आजीविका बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव प्रबंधन में संतुलन बनाने के निर्देश दिए।