- 31/05/2025
रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत 6 आरोपी जेल से रिहा, छत्तीसगढ़ से रहना होगा बाहर

सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल और संदीप नायक आज 31 मई 2025 को जेल से रिहा हो गए। सौम्या चौरसिया दिसंबर 2022 और रानू साहू जुलाई 2023 से जेल में बंद थी। ईडी ने इन्हें कोल लेव्ही घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में ईडी के अलावा छत्तीसगढ़ एसीबी ईओडब्ल्यू द्वारा भी इनके खिलाफ कोल घोटाला, डीएमएफ घोटाला, भ्र्ष्टाचार के अलग-अलग केस दर्ज किया था।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने जमानत याचिका पर सुनवाई की। गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते कोर्ट ने सभी आरोपियों को छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगा दी है। उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा और रिहाई के एक सप्ताह के भीतर नया पता जांच एजेंसी व स्थानीय थाने में दर्ज करना होगा।
जमानत की शर्तें:
- सभी आरोपी अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ से बाहर रहेंगे।
- जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष आवश्यकतानुसार उपस्थित होंगे और जांच में सहयोग करेंगे।
- रिहाई के सात दिनों के भीतर नया निवास स्थान का विवरण देना अनिवार्य है।
क्या है कोल लेव्ही घोटाला?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, कोयला परिवहन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने जैसे तरीकों से 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को ऑफलाइन परमिट का आदेश जारी किया था। कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया, जो 25 रुपये प्रति टन की दर से वसूली करवाता था।
घोटाले में निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया (पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव), सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य शामिल थे। ईडी की छापेमारी में कई गिरफ्तारियां हुईं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जांच तेजी से चल रही है।
क्या है डीएमएफ घोटाला ?
डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाला छत्तीसगढ़ में खनन प्रभावित क्षेत्रों के लिए बनाए गए डीएमएफ फंड के दुरुपयोग से संबंधित है। डीएमएफ एक गैर-लाभकारी ट्रस्ट है, जो खनन कार्यों से प्रभावित लोगों और क्षेत्रों के कल्याण के लिए 2015 में माइन्स एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था। इस फंड में खनन कंपनियों से रॉयल्टी का 10-30% हिस्सा जमा होता है, जिसका उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आजीविका जैसे कार्यों के लिए किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में डीएमएफ घोटाले में कथित तौर पर 75 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच में दावा किया गया है कि डीएमएफ फंड का दुरुपयोग कर फर्जी बिलों, अनुचित ठेकों और गैर-कानूनी गतिविधियों के जरिए धन की हेराफेरी की गई। इस मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया, कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और अन्य शामिल हैं।
ईडी और ईओडब्ल्यू का दावा है कि डीएमएफ फंड का उपयोग गैर-कानूनी तरीके से किया गया, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भुगतान और अनुचित ठेके दिए गए।