- 14/05/2025
छत्तीसगढ़ DMF घोटाले में बड़ा झटका: रानू साहू, सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका खारिज, जानें हाईकोर्ट ने क्या कहा?


छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिला खनिज निधि (DMF) घोटाला मामले में कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, एनजीओ संचालक मनोज कुमार और बिचौलिया सूर्यकांत तिवारी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सभी की स्थायी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की बिलासपुर बेंच ने अपने आदेश में कहा, “FIR और केस डायरी में उपलब्ध सामग्री के अवलोकन से प्रथम दृष्टया आवेदकों द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) की धारा 7 और 12 के तहत आर्थिक अपराध करना स्पष्ट होता है। यह नियमित जमानत देने का उपयुक्त मामला नहीं है।”
DMF घोटाले में कोरबा से चार गिरफ्तार
घोटाले की जांच में हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ACB-EOW) ने कोरबा से चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनमें DMF के तत्कालीन नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर, तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी भुनेश्वर सिंह राज, राधेश्याम मिर्झा और वीरेंद्र कुमार राठौर शामिल हैं। इन गिरफ्तारियों ने घोटाले की गहराई और इसमें शामिल बड़े नेटवर्क की ओर इशारा किया है।
ED और EOW कर रही जांच
DMF घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और छत्तीसगढ़ EOW द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। जांच में सामने आया कि राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की मिलीभगत से DMF ठेकेदारों ने सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की। ED ने कोरबा, बिलासपुर, जांजगीर, सूरजपुर, बलरामपुर, बैकुंठपुर और बालोद के डौंडीनगर में छापेमारी की, जिसमें पूर्व मंत्री अनिला भेंडिया के प्रतिनिधि पीयूष सोनी, बैकुंठपुर जनपद CEO राधेश्याम मिर्झा और कोरबा के कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल के ठिकानों पर कार्रवाई हुई। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में चार स्थानों पर छापों के दौरान 1.11 करोड़ रुपये नकद, बैंक जमा और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए।
23.79 करोड़ की संपत्ति कुर्क
ED ने DMF घोटाले में अब तक 23.79 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति कुर्क की है, जिसमें निलंबित IAS रानू साहू, मनोज कुमार द्विवेदी समेत 10 आरोपियों की संपत्तियां शामिल हैं। यह कार्रवाई घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ ED की सख्ती को दर्शाती है।