- 31/07/2025
‘राधे-राधे’ कहने पर नर्सरी की बच्ची की पिटाई, मुंह पर चिपकाया टेप; छत्तीसगढ़ के स्कूल में प्राचार्य की क्रूरता.. मचा बवाल

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नंदिनी नगर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक स्कूल प्राचार्य ने महज साढ़े तीन साल की नर्सरी छात्रा को ‘राधे-राधे’ कहने पर कथित तौर पर पीटा और उसके मुंह पर टेप चिपका दिया। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी प्राचार्य ईला ईवन कोल्विन को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना बागडुमर इलाके में स्थित ‘मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल’ में बुधवार सुबह की है। बच्ची के पिता प्रवीण यादव ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि उनकी साढ़े तीन साल की बेटी स्कूल से घर लौटी तो उसने रोते हुए बताया कि प्राचार्य ईला ईवन कोल्विन ने उसे ‘राधे-राधे’ कहने पर पीटा और उसके मुंह पर टेप चिपका दिया। बच्ची के इस बयान के बाद परिजनों ने तुरंत नंदिनी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
नंदिनी थाना प्रभारी पारस सिंह ठाकुर ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। प्राचार्य ईला ईवन कोल्विन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद आरोपी प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि घटना के सभी पहलुओं का पता लगाया जा सके।
परिजनों में आक्रोश
बच्ची के पिता प्रवीण यादव ने बताया कि उनकी बेटी स्कूल से डरी हुई और रोते हुए घर आई थी। बच्ची ने बताया कि प्राचार्य ने उसे अभिवादन में ‘राधे-राधे’ कहने के लिए डांटा, पीटा और फिर उसके मुंह पर टेप चिपका दिया। इस घटना ने परिजनों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए ऐसी क्रूरता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मामले की जांच जारी
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि यह घटना बुधवार सुबह स्कूल में हुई। बच्ची की उम्र और घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इसे गंभीरता से ले रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि बच्ची के बयान, परिजनों की शिकायत और अन्य साक्ष्यों के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है। स्कूल प्रबंधन से भी इस संबंध में पूछताछ की जा रही है।
यह घटना न केवल शिक्षा के मंदिर में अनुशासन के नाम पर क्रूरता को उजागर करती है, बल्कि छोटे बच्चों के साथ व्यवहार को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े करती है। स्थानीय लोग और परिजन इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।