• 29/09/2025

शराब घोटाला: देवेंद्र के आसरे बड़े नेता पर शिकंजा की तैयारी, EOW ने कांग्रेस को नोटिस जारी कर मांगी जानकारी

शराब घोटाला: देवेंद्र के आसरे बड़े नेता पर शिकंजा की तैयारी, EOW ने कांग्रेस को नोटिस जारी कर मांगी जानकारी

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले केस में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को नोटिस जारी कर पार्टी कार्यालय के अकाउंटेंट देवेंद्र डड़सेना की पूरी जानकारी मांगी है। डड़सेना पूर्व कोषाध्यक्ष राम गोपाल के करीबी थे। नोटिस में पूछा गया है कि डड़सेना की नियुक्ति किसने की, उन्हें कितना वेतन मिलता था, उनका कार्यकाल और गतिविधियां क्या थीं।

नोटिस में सवाल: नियुक्ति से लेकर वेतन तक का ब्योरा

ACB-EOW ने नोटिस में संगठन से डड़सेना की जिम्मेदारियों, नियुक्ति प्रक्रिया, कार्यकाल और सभी गतिविधियों का विस्तृत ब्योरा मांगा है। जांच एजेंसी का मानना है कि घोटाले से जुड़े फंड्स पार्टी कार्यालय के माध्यम से ट्रांसफर हुए थे। गैदू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह देश की पहली घटना है जहां जांच एजेंसी किसी राजनीतिक दल को तंग कर रही है। ED को पहले ही लिखित जवाब दे चुके हैं, फिर भी 9 घंटे कार्यालय में बैठाकर रखा गया। यह स्पष्ट राजनीतिक दबाव है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पहले कभी किसी दल को निशाना नहीं बनाया गया, लेकिन अब कांग्रेस को प्रताड़ित किया जा रहा है।

ED की तीन बार पूछताछ: 9-9 घंटे का ‘तंग करना’

गैदू ने खुलासा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें तीन बार नोटिस भेजा। हर बार उन्होंने लिखित जवाब दिया, लेकिन ED कार्यालय में उन्हें 9-9 घंटे तक बिठाकर रखा गया। ED ने उनसे सुकमा कांग्रेस भवन के निर्माण से जुड़ी जानकारी मांगी थी – प्रदेश कांग्रेस कमेटी से कितना फंड दिया गया, निर्माण कैसे हुआ। गैदू ने बताया, “पूरी फाइल और दस्तावेज ED को सौंप चुके हैं। इसके बावजूद घंटों बिठाकर पूछताछ करना भाजपा का केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग दिखाता है।” ED ने फरवरी 2025 में कांग्रेस कार्यालय में ही नोटिस सर्व किया था, जब गैदू ने कई बार हाजिर न होने पर टीम पहुंची।

क्या है पूरा मामला? शराब घोटाले से जुड़ा सुकमा कांग्रेस भवन

यह मामला छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ा है, जहां ED ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। 28 दिसंबर 2024 को ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के घरों पर छापेमारी की। टीम ने रायपुर के धरमपुरा स्थित लखमा के बंगले, सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी घर, सुकमा में हरीश के आवास और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर दबिश दी। जांच में पाया गया कि शराब घोटाले की कमाई से सुकमा कांग्रेस भवन का निर्माण हुआ। ED ने कई दस्तावेज जब्त किए।

ED का दावा है कि लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपये कमीशन मिलता था, जो 36 महीनों में 72 करोड़ रुपये बना। इनमें से 68 लाख रुपये सुकमा कांग्रेस भवन के निर्माण में लगे। इसके अलावा, लखमा के बेटे हरीश के घर निर्माण में भी पैसा खर्च हुआ। ED ने सुकमा में लखमा का मकान, रायपुर का बंगला और सुकमा कांग्रेस भवन को अटैच कर दिया। अटैचमेंट का मतलब है संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त, लेकिन उपयोग जारी रह सकता है; बेचना या ट्रांसफर नहीं।

कवासी लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा, जेल में बंद

कवासी लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में हैं। ED का आरोप है कि वे शराब सिंडिकेट के कोर में थे। लखमा के निर्देश पर सिंडिकेट काम करता था। उन्होंने शराब नीति बदली, जिससे FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। सिंडिकेट ने 3,200 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की। ACB में ED की FIR पर केस दर्ज है।

घोटाले के तीन मुख्य तरीके (A, B, C)

ED-ACB की जांच में घोटाला तीन कैटेगरी में बंटा:

  • A: डिस्टलरी कमीशन – 2019 में प्रति पेटी 75 रुपये, बाद में 100 रुपये कमीशन। टेंडर में शराब कीमतें बढ़ाईं, ओवर बिलिंग की छूट दी।
  • B: नकली होलोग्राम वाली शराब – ज्यादा शराब बनवाई, नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बेची। होलोग्राम सप्लायर विधु गुप्ता, खाली बोतलें अरविंद-अमित सिंह। 15 जिलों में बिना रिकॉर्ड बेची, प्रति पेटी 2,880 से 3,840 रुपये। कुल 40 लाख पेटी बिकी।
  • C: सप्लाई एरिया मैनिपुलेशन – 8 जोन में डिवाइड, कमीशन पर जोन बदलकर 52 करोड़ रुपये वसूले।

IAS अनिल टुटेजा, आबकारी MD AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर सिंडिकेट के मास्टरमाइंड थे। ED ने 205 करोड़ की संपत्तियां अटैच कीं। ACB-EOW ने हाल ही में पूर्व IAS निरंजन दास को गिरफ्तार किया। पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को भी गिरफ्तार किया गया।