• 18/07/2025

चैतन्य बघेल 5 दिन की ED की रिमांड पर, जन्मदिन पर हुई गिरफ्तारी, जानें क्या रहा पूरा घटनाक्रम?

चैतन्य बघेल 5 दिन की ED की रिमांड पर, जन्मदिन पर हुई गिरफ्तारी, जानें क्या रहा पूरा घटनाक्रम?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 5 दिन की रिमांड पर लिया है। चैतन्य को शुक्रवार सुबह भिलाई (दुर्ग जिला) स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें रायपुर की स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने ED को चैतन्य की 5 दिन की हिरासत की अनुमति दी, ताकि जांच एजेंसी इस मामले में गहन पूछताछ कर सके।

मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तारी

ED की एक टीम, जिसमें करीब 12 अधिकारी शामिल थे, शुक्रवार सुबह 6:30 बजे तीन गाड़ियों में भिलाई स्थित बघेल परिवार के निवास पर पहुंची। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों की भारी सुरक्षा के बीच छापेमारी शुरू हुई। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत नए साक्ष्यों के आधार पर की गई, जिसमें चैतन्य को शराब घोटाले से प्राप्त अवैध आय का “प्राप्तकर्ता” माना गया है। ED के सूत्रों के अनुसार, चैतन्य ने जांच में सहयोग नहीं किया, जिसके चलते उन्हें PMLA की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया।

छापेमारी के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भिलाई में ED की गाड़ियों को रोकने की कोशिश की और “ED वापस जाओ” के नारे लगाए। कुछ कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा घेरा तोड़कर हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया।

चैतन्य बघेल का है जन्मदिन

यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन हुई, जब भूपेश बघेल रायगढ़ जिले के तमनार में अडानी समूह के कोयला खदान प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाने वाले थे। बघेल ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठाना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।” उन्होंने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को दबाने की कोशिश बताया।

बघेल ने यह भी उल्लेख किया कि यह छापेमारी उनके बेटे चैतन्य के जन्मदिन के दिन हुई। उन्होंने कहा, “किसी भी लोकतंत्र में कोई मेरे सलाहकारों और OSDs के घरों पर ED भेजकर और मेरे बेटे के जन्मदिन पर छापेमारी करके ऐसा ‘उपहार’ नहीं देता। मैं इसे जीवन भर याद रखूंगा।”

क्या है शराब घोटाले की पृष्ठभूमि?

ED की जांच के अनुसार, यह कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। जांच में सामने आया कि एक संगठित शराब सिंडिकेट ने 2,161 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय अर्जित की, जिसे हाल ही में EOW ने अपनी चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बढ़ाकर 3,200 करोड़ रुपये बताया।

ED का दावा है कि इस घोटाले में शराब कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं का गठजोड़ शामिल था। इसने निम्नलिखित तरीकों से अवैध कमाई की:

  • कमीशन के जरिए रिश्वत: छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम (CSMCL) द्वारा शराब खरीद में डिस्टिलर्स से प्रति केस कमीशन लिया जाता था।
  • बिना रिकॉर्ड बिक्री: सरकारी दुकानों से बिना रिकॉर्ड के कच्ची देशी शराब बेची जाती थी, जिसका सारा पैसा सिंडिकेट के पास जाता था।
  • कार्टेल गठन: डिस्टिलर्स को रिश्वत के बदले फिक्स मार्केट शेयर दिए जाते थे।
  • FL-10A लाइसेंस: विदेशी शराब के कारोबार में एंट्री के लिए लाइसेंसधारकों से मोटी रकम वसूली जाती थी।

ED ने इस मामले में अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है और कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं।

5 दिन की रिमांड

चैतन्य बघेल को गिरफ्तारी के बाद रायपुर की विशेष PMLA अदालत में पेश किया गया, जहां ED ने गहन पूछताछ के लिए 7 दिन की रिमांड मांगी थी। हालांकि, अदालत ने 5 दिन की रिमांड की मंजूरी दी। ED के सूत्रों का कहना है कि चैतन्य के रियल एस्टेट कारोबार के जरिए घोटाले की रकम को लॉन्ड्रिंग करने के सबूत मिले हैं।

कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस ने इस कार्रवाई को केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों द्वारा विपक्ष को दबाने की साजिश बताया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने विधानसभा से वॉकआउट का नेतृत्व किया और कहा, “हम केंद्रीय एजेंसियों से डरने वाले नहीं हैं।” कांग्रेस विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ने कहा, “जब भी विधानसभा में कोई गैरकानूनी मामला उठाया जाता है, ऐसी गिरफ्तारियां की जाती हैं। यह दबाव बनाने की साजिश है।”

आगे क्या?

चैतन्य बघेल की 5 दिन की रिमांड के दौरान ED इस मामले में और गहराई से जांच करेगी। जांच एजेंसी को शक है कि इस घोटाले का नेटवर्क और बड़े नामों तक फैला हुआ है। इस बीच, भूपेश बघेल ने कहा, “हम लोकतंत्र और न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं। हम जांच में सहयोग करेंगे, लेकिन बीजेपी इसका दुरुपयोग कर रही है।”